कासगंज. उत्तर प्रदेश के कासगंज यूपी पुलिस के सिपाही की निर्मम हत्या ने बिकरू कांड की यादें ताजा कर दी हैं. बीती रात नगला धीमर गांव में एक हिस्ट्रीशीटर बदमाश की तलाश में गयी पुलिस के सिपाही और दारोगा को बंधक बनाकर शराब माफिया, हिस्ट्री शीटर और उसके गुर्गों ने निर्ममता से लाठी, डंडों और नुकीले हथियारों से पिटाई की. इस दौरान एक सिपाही देवेंद्र की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी, जबकि दारोगा अशोक को मरणासन्न कर दिया गया. वारदात के बाद सभी आरोपी वहां से फरार हो गए. सूचना पर कासगंज और उसके आस-पास के जिलों की फोर्स मौके पर पहुंची और मृतक सिपाही का शव पोस्टमार्टम के लिए पहुंचाया. घायल दारोगा को गंभीर हालात में अलीगढ़ मैडिकल कॉलेज में भर्ती कराया.


इस बीच आगरा जोन के एडीजी अजय आनंद और अलीगढ़ मंडल के आईजी पीयूष मोर्डिया ने कासगंज में डेरा डाल दिया है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की आधा दर्जन से अधिक टीमें गठित की गई हैं.


अंजान शख्स ने पुलिस को दी जानकारी
पुलिसकर्मियों को बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट करने की खबर किसी अनजान व्यक्ति ने सीओ पटियाली को फोन पर दी था. दारोगा अशोक को लगभग अर्धनग्न अवस्था मे केवल बनियान और अंडरवियर में ही आरोपियों ने मरा समझकर छोड़ दिया था. मौके पर जब बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंची तो खेतों में दोनों दारोगा और सिपाही को ढूंढा गया तो वे वहां पड़े मिले. मारपीट के बाद नुकीले भाला टाइप के हथियार से भी इनपर वार किए गए हैं जिनके निशान घायल दारोगा और मृत सिपाही के शरीर पर भी हैं. मृत सिपाही देवेंद्र आगरा जनपद के डौकी थाना छेत्र के नगला बिंदु गांव का निवासी है और घायल दरोगा अशोक मैनपुरी जनपद के किशनी थाने के नगला दवे का निवासी है.


पुलिस पर लापरवाही का आरोप
कासगंज मामले में पुलिस पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं. सवाल है किया बिकरू कांड के बाद भी पुलिस ने सबक नहीं लिया है. आखिरकार इतने बड़े हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए पर्याप्त पुलिस बल क्यों नही भेजा गया? जब ये मालूम था कि मुख्य आरोपी मोती दुर्दांत अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है और इस गांव में लोग अवैध शराब के कारोबार में लिप्त हैं तो ऐसे में केवल एक दारोगा और सिपाही को बाइक से इस गांव मे बड़े अपराधी की तलाश में जाने का निर्णय गलत था. लगता है कि यूपी पुलिस ने बिकरू कांड से भी कोई सबक नही सीखा. अगर पुलिस की जीप से पर्याप्त संख्या में पुलिस बल गया होता तो इस घटना को रोका जा सकता था.


वांटेड मोदी पर हैं 11 मुकदमें दर्ज
कासगंज के सिढ़पुरा थाना छेत्र का नगला धीमर अवैध जहरीली शराब बनाने के लिए हमेशा से कुख्यात है. काली नदी के किनारे कटरी छेत्र में होने के कारण यहां जंगल में शराब की भट्टियां चलती रहतीं हैं. बीती रात जिस आरोपी की तलाश में पुलिस गयी थी उसका नाम मोती शाक्य है. मोती थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है. इसके ऊपर अभी 11 मुकदमें दर्ज हैं और एक मुकदमे में ये वंछित है.


ये भी पढ़ें:



UP के कासगंज में कानपुर जैसा कांड, जहरीली शराब बेचने वाले माफिया ने की सिपाही की हत्या, दारोगा को भाला मारकर किया घायल


छापेमारी करने गई पुलिस को शराब माफियाओं ने बंधक बनाकर पीटा, सिपाही की मौत, दारोगा जख्मी