लखनऊः बीडीसी सदस्य की हत्या के मामले में पुलिस की थ्योरी पर उठे सवाल, नहीं मिले इन सवालों के जवाब
बीडीसी सदस्य की हत्या या हादसे के मामले में पुलिस भले ही मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर घटना के खुलासे पर पीठ थपथपा रही हो लेकिन कई सवालों के जवाब पुलिस के पास अभी भी नहीं हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को मॉर्निंग वॉक पर निकले बीडीसी सदस्य की हत्या या हादसा की थ्योरी पर सवाल खड़े हुए तो अब लखनऊ पुलिस के खुलासे की थ्योरी भी सवालों के घेरे में आ गई है. पहले तो मौके से बरामद दो कारतूस और हत्यारोपी की पलटी स्कॉर्पियो को नजरअंदाज कर पुलिस एक्सीडेंट की थ्योरी बताने में जुटी थी लेकिन परिजनों ने हंगामा काटा नामजद एफआईआर करवाई तो पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर खुलासे का दावा तो कर दिया लेकिन घटना के बाद अब उसका खुलासा भी सवालों के घेरे में है.
परिजनों ने दर्ज कराई एफआईआर मोहनलालगंज के पूरनपुर में मंगलवार सुबह बीडीसी सदस्य विजय रावत की मॉर्निंग वॉक के रास्ते में हत्या कर दी गई थी. मौके से 2 खोखे बरामद हुए और इलाके के दबंग प्रॉपर्टी डीलर और समाजवादी पार्टी का पदाधिकारी मनोज यादव की पलटी स्कॉर्पियो भी मिली. परिजनों ने मनोज यादव समेत दो लोगों के खिलाफ हत्या का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई. लेकिन, पुलिस हत्या को हादसा बताने में जुट गई. परिजनों के हंगामे के चलते पुलिस ने प्रॉपर्टी डीलर को हिरासत में भी ले लिया.
नहीं मिले इन सवालों के जवाब पुलिस का कहना है कि मनोज यादव इस एक्सीडेंट में घायल हुआ है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली के निशान नहीं मिले हैं. पुलिस भले ही मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर घटना के खुलासे पर पीठ थपथपा रही हो लेकिन घटना कैसे हुई? आरोपी की स्कॉर्पियो कैसे पलटी? मौके से दो खोखे बरामद हुए तो फायरिंग कितने राउंड हुई. इन सवालों के जवाब पुलिस के पास अभी भी नहीं हैं. अफसर दबी जुबान में अभी भी बीडीसी सदस्य की मौत को हादसा ही बताने में जुटे हैं.
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