वाराणसी. वाराणसी में पुलिस का खुलासा सवालों के घेरे में आ गया है. कुछ दिन पहले लूट की एक घटना का खुलासा करने वाली वाराणसी पुलिस की अब फजीहत हो रही है. पुलिस ने लूट की एक घटना का खुलासा किया था. लूटा हुआ माल भी बरामद कर लिया, लेकिन एफआईआर में लूट का प्रयास ही दर्ज किया गया है. सवाल ये है कि अगर लूट का प्रयास हुआ तो माल बरामद कैसे हो गया? और अगर लूट हुई है तो एफआईआर में प्रयास क्यों बताया गया? पुलिस के अधिकारी इस मसले पर बोलने से बचते नजर आ रहे हैं.
पुलिस ने लुटेरों को भेलुपुर से गिरफ्तार किया था. 14 जून को मामले का खुलासा किया गया. पुलिस ने आरोपियों से लूट का माल बरामद करने का दावा किया. पुलिस इस पूरे मामले के खुलासे के बाद वाहवाही लूट रही थी, लेकिन फजीहत तब हुई जब एफआईआर की कॉपी सामने आई.
पुलिस ने साधी चुप्पी
एबीपी गंगा ने इस मामले पर अधिकारियों से बात करनी चाही तो काशी जोन के उपायुक्त कमिश्नरेट अमित कुमार ने इस पर बात करने से मना कर दिया. वहीं, पूरे मामले को लेकर विवेक शंकर तिवारी (अधिवक्ता) का कहना है कि इससे पीड़ित को न्याय नहीं मिलेगा क्योंकि जो बरामदगी हुयी है वो शायद किसी और की हो सकती है. जिसके साथ घटना हुई एक बार फिर से उसे कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. इतना ही नहीं जनता का इस तरह की घटनाओं से खाकी से विश्वास कम हो जाएगा. वहीं अधिकारी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं.
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