UP News: रायबरेली में फर्जी कागजातों के चलते रेप पीड़िता को मिलने वाली सहायता राशि जालसाजों ने हड़प लिया. मामला खुलने पर पुलिस ने जिला प्रोबेशन अधिकारी और कार्यालय के एक बाबू पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. इसके साथ ही पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है. वहीं जिलाधिकारी ने भी विभागीय जांच शुरू करवाई है. जिलाधिकारी ने कहा कि जांच के बाद ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. 


19 फरवरी 2019 को लिखाई थी रिपोर्ट
रायबरेली के गदागंज की रहने वाली रेप पीड़िता ने 19 फरवरी 2019 को रेप की रिपोर्ट लिखवाई थी. मामले की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद उसे अनुदान दिलाने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू हुई. जिसमें रेप पीड़िता का नाम और एक दूसरी महिला की फोटो प्रयोग करके बैंक ऑफ महाराष्ट्र में खाता खुलवा लिया गया. फोटो रेनू तिवारी नाम की एक महिला का बताया जा रहा है. जैसे ही रेप पीड़िता की सहायता राशि खाते में आई और उसमें से एक लाख रुपये निकाला गया वैसे रेनू के मोबाइल नंबर पर बैंक का मैसेज गया. जब महिला प्रोबेशन कार्यालय पहुंचकर पूछताछ की तब मामला उजागर हुआ.


क्या कहा जिला प्रोबेशन अधिकारी जयपाल वर्मा ने?
प्राथमिक जांच पड़ताल में जिला प्रोबेशन अधिकारी जयपाल वर्मा और संविदा बाबू राजेश श्रीवास्तव पर विभिन्न धाराओं में कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज करवा दिया गया. इस मामले की जांच सीओ सिटी वंदना सिंह कर रही हैं .उनका कहना है कि पूरा मामला संज्ञान में है. प्राथमिक स्तर पर मुकदमा दर्ज करवाकर विवेचना की जा रही है. विवेचना के बाद ही दोषियों के बारे में कुछ कहा जा सकता है. फिलहाल मामले की एक और पटकथा सामने आ रही है जिसमें एक महिला समन्वयक की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है. अब जांच के बाद ही दोषियों पर शिकंजा कसा जाएगा.


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