Fake Birth Certificate: उत्तर प्रदेश एटीएस को 19,184 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के मामले में बड़ी सफलता मिली है. एटीएस ने इस मामले के मास्टरमाइंड रविकेश को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने ग्राम विकास अधिकारी से आईडी से इतने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए थे. रायबरेली पुलिस ने आरोपी पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था. इस मामले में अब तक 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 


आरोपी ने ग्राम विकास अधिकारी की जन्म प्रमाण पत्र पोर्टल की आईडी और पासवर्ड का दुरुपयोग करके फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए थे. पुलिस के मुताबिक आरोपी रविकेश ने दो वेबसाइट और सरकारी पोर्टल का दुरुपयोग करते हुए कई राज्यों में चार लाख से ज्यादा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और पांच हज़ार फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए. इस मामले में 17 आरोपी पहले से जेल में बंद हैं. 


फर्जी प्रमाण पत्र मामले का मास्टर माइंड गिरफ्तार
पिछले दिनों रायबरेली में फर्जी प्रमाण को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था. जिसके बाद रायबरेली के सलोन ब्लॉक में तैनात बीडीओ विजय सिंह यादव ने अपनी आईडी से फर्जी प्रमाण दिए जाने की शिकायत की थी. सहायक विकास अधिकारी की शिकायत पर सलोन थाने में शिकायत दर्ज की गई थी. उन्होंने सीएचसी संचालक जीशान खान और अन्य पर 19,184 फर्जी जन्म प्रमाण जारी करने का छपरा लिया था. 


जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए सीएचसी संचालक जीशान खान, विजय, रियाज़ खान और सुहैल को गिरफ्तार किया था. मामले की जांच आगे बढ़ी तो 13 अन्य आरोपियों के नाम भी सामने आए. जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी को गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि पूरे कांड का मास्टर माइंड रविकेश तभी से फरार चल रहा था, जिसके बाद पुलिस को उसकी तलाश थी. 


इस तरह से काम करता था ये गिरोह
एटीएस के मुताबिक आरोपी रविकेश बिहार के दरभंगा जिले का रहने वाला है और इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड है. एटीएस ने उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया है. एटीएस ने कहा कि रविकेश ने साल 2022 में पोर्टल www.crsogovr.in और साल 2023 में www.thedashboard.in बनाया था. इसके बाद उसने फ़ेसबुक के ज़रिए यूपी बिहार के कई लोगों को अपने गिरोह में शामिल किया, जिसमें कई जनसुविधा केंद्र के संचालक भी थे. इस पोर्टल पर 4100 यूजर भी दिख रहे हैं जिनमें से 1500 यूजर लगातार सक्रिय है. 


इस गिरोह ने यूपी और बिहार में हजारों लोगों के फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए. इससे उनकी 3-4 हज़ार रुपये प्रतिदिन की कमाई होती थी.   


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