Raebareli News: बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) की लापरवाही के चलते रायबरेली (Raebareli) जिले में सैकड़ों बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो चुका है. अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत सरकार गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए विभाग को बजट देती है लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते कॉपी, किताब और ड्रेस के लिए धन मुहैया नहीं हो पाया है. पूरा शिक्षण सत्र समाप्त हो चुका है लेकिन अभी तक अभिभावकों के खाते में पैसे नहीं भेजे गए हैं.


सरकार गरीब बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए प्राइवेट विद्यालयों में प्रवेश का नियम बनाया है और उसके लिए वह विद्यालय को फीस के रूप में एक निश्चित राशि भी देती है. साथ ही बच्चों के अभिभावकों को पांच हजार ड्रेस और कॉपी किताब के लिए दिया जाता है. सत्र 2022 - 23 में कुल 1114 बच्चों का चयन हुआ था. जिसमें 640 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. इनकी पढ़ाई के लिए कॉपी, किताब और ड्रेस की व्यवस्था अप्रैल 2022 में होनी थी जिसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग को धन मुहैया कराना था. 


बिना किताब-कॉपी जाने पर स्कूल में पड़ती है डांट
उधर, ऑल स्कूल पैरंट्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष शशांक राठौर ने विभाग पर आरोप लगाते हुए आंदोलन करने तक की चेतावनी दे दी है. आरटीई के तहत बच्चों का एडमिशन तो जरूर हो गया लेकिन समय से मिलने वाला सरकारी धन ना मिलने के कारण बच्चों के ड्रेस कॉपी किताब आदि को लेने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ा. पीड़ित बच्चों का कहना है कि ड्रेस और कॉपी किताब ना ले जाने की वजह से विद्यालयों में डांट का भी सामना करना पड़ा लेकिन मां-बाप ने किसी तरह आवश्यक सामग्रियों को व्यवस्था करके दिया तो बच्चे स्कूल जा पाए.


हमारे पास नहीं आया था फंड- बेसिक शिक्षा विभाग
प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र कनौजिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तो फिलहाल हम 2023-24 की बात करेंगे. अभी नया सत्र चलेगा उसके लिए 728 बच्चों का चयन लॉटरी के जरिए हुआ है. 14 मार्च से हमारा दूसरा सत्र चल रहा है जिसमें सीटें बची रहेंगी तो लॉटरी के माध्यम से बच्चों का चयन किया जाएगा.  2020-21, 2021-22 और 2022-23 तीन सत्रों के दौरान हमारे पास फंड नहीं था. हालांकि अब 2021-22 और 2022-23 का फंड अब आ चुका है जिसे हम अभिभावकों को भेजेंगे. 2022-23 के सत्र में  640 बच्चों के लिए फंड भेजा जाना है.


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