रायबरेली, डॉ पंकज सिंह। जहां एक तरफ पूरा देश कोरोना जैसी महामारी की त्रासदी से जूझ रहा है और लॉकडाउन पहले से बीमार मरीजों और लोगों के लिए समस्या बना हुआ है ऐसे में रायबरेली जिला अधिकारी के बिगड़े बोल चर्चा के विषय बने हैं। चेकिंग के दौरान जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना कभी लोगों से यह कहती नजर आती हैं कि क्या सबकी बीवियां इस समय प्रेग्नेंट हो गई हैं तो कभी उसके साथ चलने वाले व्यक्ति को पुलिस की गाड़ी में बिठाकर जेल भेजने की बात कहती नजर आ रही हैं।
जिलाधिकारी का यह रवैया जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। बीते दिन ऐसा ही ए मामला डिग्री कॉलेज चौराहे पर देखने को मिला। लॉकडाउन के बाद पूरा पुलिस प्रशासन इतना सख्त हो गया है कि घर में बीमार मरीजों के लिए दवा लाना भी मुश्किल हो चुका है। हर चौराहे पर पुलिस वाले डंडा लेकर खड़े नजर आ रहे हैं और आए भी क्यों न जब जिले की जिला अधिकारी शुभ्रा सक्सेना चौराहों पर खुद खड़ी नजर आ रही हैं।
आकस्मिक कार्यों के लिए घर से निकल रहे लोगों को जबरन या तो वापस भेज दिया जा रहा है या फिर उन्हें कोतवाली का रास्ता दिखाया जा रहा है। लॉकडाउन के पहले ही दिन एक ऐसा वाकया नजर आया जिसमें जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना के बिगड़े बोल चर्चा का विषय बन गए है।
डिग्री कॉलेज चौराहे पर चेकिंग के दौरान जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने एक युवक को रोकने के लिए बोला। रोककर जब बाहर निकलने का कारण पूछा तो युवक ने अपनी प्रेग्नेंट बीबी की दवा लेने का कारण बताया इस पर जिलाधिकारी ने कहा इस समय सबकी बीवियां प्रेग्नेंट हो गई हैं, पर्चा दिखाओ जब युवक ने पर्चा दिखा दिया तो युवक के साथ गए युवक के बारे में पूछा और उसे पुलिस की गाड़ी में बैठाकर कोतवाली भेजने का निर्देश दिया।
इस तरह पुलिस प्रशासन का यह रवैया आम लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। आवश्यक कार्यों से भी लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो चुका है। प्रधानमंत्री के लॉकडाउन के उनकी अपील पर लोग घरों से तो बाहर नहीं निकल रहे हैं जिस पर पुलिस प्रशासन भी सख्ती दिखा रहा है। इस तरह कोरोना जैसी महामारी फैलने से बचेगी लेकिन अन्य बीमारियों से लोगों के मरने की संभावनाएं ज्यादा प्रबल हो रही हैं क्योंकि जिस तरह से पुलिस प्रशासन सड़कों पर डंडे पटक रहा है और लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है उससे तो लोग घरों से बाहर तक निकलने से डर रहे हैं ।
रायबरेली के ऊंचाहार तहसील में स्थित सब्जी मंडी का हाल बहुत बुरा है यहां लॉकडाउन के पहले दिन और दूसरे दिन भी हजारों की संख्या में लोग एक ही स्थान पर खड़े होकर सब्जी खरीदते नजर आए और पुलिस प्रशासन का एक भी अधिकारी कर्मचारी नजर नहीं आया।
ऐसे में जहां एक तरफ जिलाधिकारी दवा लेने जा रहे युवक को भी जेल भेजने की धमकी दे रही हैं वहीं दूसरी तरफ एक ही जगह पर हजारों की संख्या में लोग इकट्ठे हो रहे हैं और एक दूसरे को बीमार होने का न्योता दे रहे हैं।
जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना के बोल
नही-नही प्रेग्नेंट सबकी बीवियां होती हैं, पर्चा दिखाओ। क्या लेने के लिये जा रहे हो, कागज दिखाओ। कितने आदमी को जाना है दवा लेने के लिये, अकेले नहीं जा सकते। दिखाओ इधर कब का पर्चा है ये। प्रेग्नेंट है न, दवा नहीं है तुम्हारे पास। तुम क्या करने आए हो, तुमको जेल भेजते हैं। तुम उतरो। उतरो। मजाक समझ रखा है तुम सब ने। इसको जरा बिठाओ गाड़ी में। चलो इसको ले चलो। इसको थाने पहुंचाओ।