Raebareli News: रायबरेली (Raebareli) में बेसिक शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते सैकड़ों बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो चुका है. अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत सरकार गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए विभाग को बजट देती है, लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते कॉपी, किताब और ड्रेस के लिए धन मुहैया न हो पाने से बच्चों को स्कूल में दाखिला नहीं मिल पाया है. पूरा शिक्षण सत्र समाप्त हो चुका है, लेकिन अभी तक अभिभावकों के खाते में धन नहीं जा पाया है जबकि वित्तीय वर्ष भी लगभग समाप्त होने को है.
अगर यही हाल 2023-24 सत्र के बच्चों के साथ हुआ तो गरीब बच्चों को दाखिला लेने में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा जो सरकार की मंशा पर पानी फेरने का काम करेगी. सरकार ने गरीब बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए प्राइवेट विद्यालयों में प्रवेश का नियम बनाया है और उसके लिए वह विद्यालय को फीस के रूप में एक निश्चित राशि भी देती है. साथ ही बच्चों के अभिभावकों को पांच हजार रुपये ड्रेस और कॉपी, किताब के लिए भी दिए जाते हैं.
अभी तक पिछले सत्र के नहीं मिले पैसे
सत्र 2022-23 में कुल 1,114 बच्चों का चयन हुआ था जिसमें 640 बच्चे अध्ययनरत हैं. इनकी पढ़ाई के लिए कॉपी किताब और ड्रेस की व्यवस्था अप्रैल 2022 में होनी थी जिसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग को धन मुहैया कराना था. पूरा सत्र बीत गया है, लेकिन अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते अभिभावकों के खाते में पिछले साल का पैसा नहीं गया है.
इस सत्र में भी तीन चरणों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत चयन होना था. पहले चरण में 728 बच्चों का चयन भी हो चुका है अभी दो चरणों में और चयन होना है, लेकिन धन की व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई है. वहीं ऑल स्कूल पैरंट्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष शशांक राठौर ने विभाग पर आरोप लगाते हुए आंदोलन करने तक की चेतावनी दे दी.
प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र कनौजिया ने कहा कि अभी तो फिलहाल हम 2023-24 की बात करेंगे, अभी नया सत्र चलेगा उसके लिए हमारे पास 728 बच्चे हैं वह अंतिम रूप से प्रथम चरण में लॉटरी में चयनित हुए हैं. उसमें 1423 बच्चों का रजिस्ट्रेशन हुआ था जोकि वेरिफाई हुए थे. अब 14 मार्च से हमारा दूसरा सत्र चल रहा है, जिसमें सीटें बची रहेंगी तो लॉटरी के माध्यम से उसमें दूसरे और तीसरे चरण में बच्चों का चयन किया जाएगा.
प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र कनौजिया ने कहा कि बच्चों के अभिभावकों के खाते में 2020-21, 2021-22 और 2022-23 तीन सत्रों से धनराशि हमारे पास नहीं थी, लेकिन हमारे पास 2021-22 और 2022-23 की जो बच्चों की धनराशि खाते में धनराशि भेजी जानी है, वह हमारे पास आ चुकी है. उसमें 640 बच्चे हमारे पास थे और वह 2022-23 के थे उनकी धनराशि अभी भेजी जा रही है.
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