Raebareli News: रायबरेली में गरीबों का हक मारने वाले एक ठेकेदार समेत तीन इंजीनियरों के ऊपर मिल एरिया थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. दरअसल, 2007 में आईएचएसडीपी योजना के तहत गरीबों के लिए सौ फ्लैट्स बनाए गए थे लेकिन कुछ ही समय में सब जर्जर हो गए. जांच में सरिया सीमेंट सहित अन्य सभी सामग्रियां घटिया पाई गई. जिसके बाद तत्कालीन इंजीनियर और ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज कराया गया. 


क्या है पूरा मामला?
रायबरेली में ग़रीबों के आवास में कमीशनखोरी करने वाले ठेकेदार समेत तीन इंजीनियरों पर मुकदमा दर्ज हुआ है. यह सभी लोग 15 साल पहले ग़रीबों के लिए बनाए गए मकान के लिए सीधे तौर पर ज़िम्मेदार थे. कॉलोनी बनाये जाने के तीन साल के भीतर ही मकान जर्जर हो गए थे. इस मामले में लैब जांच में सामने आया कि नाम मात्र की सीमेंट इस्तेमाल कर सौ फ़्लैट बना दिये गए. जांच में यह भी सामने आया कि सरिया घटिया क्वालिटी का इस्तेमाल किया गया और नींव मानक से कम रखी गई. 2007 में आईएचएसडीपी योजना के तहत सौ फ्लैट ग़रीबों के लिए बनाए गए थे. 2010 में इस कॉलोनी को नगर पालिका को सौंपा गया था. नगर पालिका को दिए जाने के समय ही भवन जर्जर हो गए थे.


ठेकेदार और 3 इंजीनियरों पर मुकदमा दर्ज
उधर यहां रहने वाले लोगों ने भी प्रशासन से शिकायत की तो इसकी जांच हुई. जांच में कॉलोनी बनाने में हुई जमकर कमीशनखोरी का मामला सामने आने पर ठेकेदार समेत इंजीनियर अरुण कुमार,आरइएस के सहायक अभियंता डीपी मिश्रा और समाज कल्याण निर्माण निगम के अधिशासी अभियंता ए एन सिद्दीकी के खिलाफ मिल एरिया थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है. उधर मुकदमा दर्ज होने से यहां रहने वालों ने आरोपियों के खिलाफ सख्त सजा की मांग की है.


सीओ सदर वंदना सिंह ने बताया कि थाना मिल एरिया में आई एच एस डी पी योजना के तहत गरीबों के लिए आवास बनवाए गए थे. कुछ जांच में अनियमितता पाई गई है. मानक के अनुसार नहीं है. शासकीय अनुरूप क्षति पहुंची है. इस संदर्भ में थाना मिल एरिया में मुकदमा अपराध संख्या 341 में मुकदमा पंजीकृत हुआ है विवेचना प्रचलित है.


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