Raebareli News: यूपी के रायबरेली के कलेक्ट्रेट परिसर में उस समय गहमा गहमी मच गई, जब सैंकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष एक शव को लेकर वहां पहुंच गए. भीड़ के साथ आए लोगों का आरोप है कि मृतका गर्भवती थी और प्रसव पीड़ा होने पर उसे आशा बहू लेकर निकली थी लेकिन उसने उसे जिला अस्पताल के बजाय नेहरू नगर के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया. मृतका की हालत गंभीर होने पर उसे लखनऊ रेफर कर दिया. रास्ते में उसकी मौत हो गई. ये सुनते ही सैकड़ों ग्रामीण शव लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गए और दोषी डॉक्टर और आशा बहू एम्बुलेंस चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की. सीओ सिटी ने मामले को शांत कराया और पीड़ितों को जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, मृतक महिला डीह थाना क्षेत्र की रहने वाली है. महिला प्रसव पीड़ा के बाद सीएचसी डीह लाई गई थी जहां से उसे डॉक्टरों ने रायबरेली के लिए रेफर कर दिया. वहीं परिजनों की मानें तो आशा बहू मनोज कुमारी श्रीवास्तव और एंबुलेंस चालक उस महिला को जिला अस्पताल ले गयी, जहां से उसे लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया. लेकिन उसे वहां ना ले जाकर फीनिक्स प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया. जहां उसे लगातार महंगे इंजेक्शन लगाए गए. जिसकी कोई जरूरत नहीं थी लेकिन उसके बाद भी महिला ठीक नहीं हुई.
परिजनों ने शव रखकर किया प्रदर्शन
परिजनों ने बताया कि महिला के प्रसव के दौरान महिला की मौत हो गई. इसी के साथ परिजनों ने प्राइवेट नर्सिंग होम पर धन उगाही और लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पर शव रखकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन देख पुलिस विभाग के आला अधिकारियों ने आनन-फानन में सभी को सीओ कार्यालय लाकर उनकी आपबीती सुनी और कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
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