Raebareli News: रायबरेली (Raebareli) में 24 घंटे के अंदर हुई लगातार सात मौतों से पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें चौकन्ना हो गई हैं. मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने जांच पड़ताल की जिसमें सभी की मौत प्राकृतिक ही मानी जा रही है. परिजन भी इसे वास्तविक मौत ही मानकर मृतकों के शरीर का दाह संस्कार परंपरा के अनुसार कर चुके हैं. इसके बावजूद पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंप लगाकर लोगों की जांच पड़ताल कर रही है.
खीरों ब्लॉक के भीतरगांव में कुल 18 पुरवे हैं, जो मौते हुई है उसमे तीन को छोड़कर बाकी सभी अलग अलग पुरवे के निवासी है. चौंकाने वाली बात यह थी कि 24 घंटे के अंदर सात लोगों की मौत हो गई. सात लोगों की ताबड़तोड़ मौत के बाद पुलिस प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग भी सकते में आ गया और रात में ही कैंप कर जांच पड़ताल शुरू कर दी. जांच पड़ताल में सभी मौतों का कारण हाई ब्लड प्रेशर या फिर हृदयाघात ही सामने आया.
24 घंटे के अंदर हुई 7 मौतें
परिजनों ने भी पहले से किसी भी बीमारी यह समस्या की बात नहीं बताई. एक को छोड़कर सभी मृतक लगभग 70 साल पार कर चुके थे. कमल त्रिपाठी भीतरगांव चौराहा, निर्मला देवी, शोभा और बुद्धन सभी तीनों बरिया थोक के तो सत्तीदीन डोमें थोक, छत्रपाल काली खेड़ा, जग देवी गुरुवर का पुरवा सहित कुल सात लोगों ने 24 घंटे में दम तोड़ा. 24 घंटे में एक ही मजरे से सात अर्थियां उठने से पूरे गांव में मातम पसर गया.
जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी, एसडीएम अजीत सिंह, सीओ महिपाल पाठक, प्रभारी सीएमओ डॉ अंशुमान सिंह, स्थानीय प्रतिनिधि शिवराम सिंह सहित अन्य अधिकारी और समाजसेवियों ने गांव में कैंप लगा लिए. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लोगों को बुलाकर जांच पड़ताल की. साथ ही डॉक्टर फारुकी ने अपनी टीम के साथ मृतकों के घर पहुंच कर केस हिस्ट्री निकाली जिसमें सभी की मौत प्राकृतिक ही पाई गई. जांच पड़ताल में भी किसी तरह के संक्रामक रोग की पुष्टि नहीं हुई है. इसके बावजूद उच्च अधिकारियों के निर्देशों के बाद गांव में कैंप लगा हुआ है. लोग अपने स्वास्थ्य का परीक्षण करा रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग की टीम और पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में दिखाई दे रहे हैं. प्रभारी सीएमओ डॉ अंशुमान सिंह और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो मामला स्वाभाविक मौत का ही है. किसी प्रकार की अन्य बीमारी या संक्रामक रोग की पुष्टि नहीं हुई है. वहीं जनप्रतिनिधि शिवराम सिंह भी बताते हैं कि हमारा पुरवा बहुत बड़ा है. इतनी मौतें होना स्वाभाविक है क्योंकि भीतरगांव मजरे में लगभग बीस हजार की आबादी है और यह लालगंज तहसील का सबसे बड़ा मजरा माना जाता है.
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