Raebareli News: जहां एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करोड़ों का बजट देकर हरे पेड़ों को लगाने और संरक्षित करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. वहीं पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से हरे पेड़ों पर आरा चलाया जा रहा है. प्रतिबंधित पेड़ों पर वन माफियाओं द्वारा खुलेआम आरा चलाने का मामला सामने आया है, लेकिन इस तरफ ध्यान देने वाला कोई नहीं है. खुलेआम दबंगई के बल पर जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में हरे पेड़ों की कटाई की जा रही है.
खुलेआम काटे जा रहे पेड़
रायबरेली के गुरुबक्शगंज, खीरों, डलमऊ, हरचंदपुर आदि थाना क्षेत्रों में हरे पेड़ों की कटाई जोरों पर है. लकड़ी माफियाओं द्वारा प्रतिबंधित पेड़ों को भी कटवाने में कोई संकोच नहीं किया जा रहा हैं. नीम, आम, महुआ जैसे पेड़ों को खुलेआम कटवाने का काम किया जा रहा है. यह निश्चित है कि बिना स्थानीय पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत से इन प्रतिबंधित पेड़ों की कटान संभव नहीं है . इस तरह गाजीपुर में धड़ल्ले के साथ हरे पेड़ों को काटा जा रहा है. जो कहीं न कहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मनसा पर पानी फेरने का काम किया जा रहा है. हरे पेड़ों को काटने में अब और आसानी हो चुकी है.
ग्रीन इंडिया, क्लीन इंडिया का सपना अधूरा
आधुनिक मशीनों द्वारा एक पेड़ को पलक झपकते ही काटा जा रहा है. ट्रैक्टर पर हरे पेड़ों की लकड़ी खुलेआम बिना रोकटोक के माफियाओं के पास जा रही है. अगर हरे पेड़ों की कटान नहीं रुकती है तो फिर ग्रीन इंडिया, क्लीन इंडिया का सपना सपना ही रह जाएगा. डीएफओ सुरेश चंद्र पांडे ने कहा कि लकड़ी कटने की सूचना जहां से भी मिलती है. टीम को भेजकर तत्काल कार्रवाई की जाती है. कई जगहों पर सूचना मिलने के बाद सीलिंग के साथ जुर्माना भी किया गया है.चूंकि क्षेत्र बड़ा है संसाधन कम है. इस वजह से हर जगह नजर रखना संभव नहीं हो पाता है लेकिन जैसे ही सूचना मिलती है तत्काल कार्रवाई की जाती है.
ये भी पढ़ें:-
जनसंख्या नियंत्रण को लेकर मायावती का बड़ा बयान, इन मुद्दों पर BJP सरकार को घेरा