रायबरेली: कोरोना काल में गांवों का दौरा कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं अधिकारी, इस बात से खौफ में हैं ग्रामीण
यूपी के रायबरेली में अधिकारी गावों का दौरा कर लोगों को कोरोना से संबंधित नियमों और बचाव को लेकर जागरूक कर रहे हैं. लेकिन, गांव में इस बात का खौफ भी दिखाई दे रहा है कि यदि कोरोना टेस्ट करवाया गया और उसमें पॉजिटिव मिले तो लोगों को अस्पताल जाना पड़ेगा.
रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में कोरोना ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपने पांव पसार रहा है. हालात ये हैं कि गांवों में लोग महामारी की चपेट में आकर जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ने को मजबूर हैं. करोना की रोकथाम के लिए जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग की टीम को लेकर गांव-गांव जा रहे हैं साथ ही लोगों की कोरोना जांच भी करवा रहे हैं. अधिकारी लोगों को कोरोना से संबंधित नियमों और बचाव को लेकर जागरूक भी कर रहे हैं. मंगलवार को हरचंदपुर थाना क्षेत्र के कठवारा गांव पहुंचकर डीएम ने लोगों को जागरूक किया. जो लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे उनके खिलाफ कोरोना महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई के निर्देश भी दिए.
गांव का दौरा कर रहे हैं अधिकारी
हरचंदपुर थाना क्षेत्र के कठवारा गांव में जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव, उपजिलाधिकारी अंशिका दीक्षित, पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और लोगों को कोरोना टेस्ट कराने के लिए जागरूक किया. साथ ही कोरोना महामारी के नियमों और उससे बचाव के तरीके भी जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव और उप जिलाधिकारी अंशिका दीक्षित ने लोगों को बताए. लोगों को घरों से निकालकर सभी का कोरोना टेस्ट कराया गया. जो संक्रमित पाए गए उनको दवा दी गई और एहतियात बरतने के लिए तरीके बताए गए. जिनमें सर्दी, खांसी या बुखार के लक्षण थे और कोरोना टेस्ट निगेटिव आया उनको भी दवा देकर सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए.
घर से बाहर नहीं निकल रहे थे लोग
खास बात ये रही कि जिलाधिकारी के साथ टीम को देखकर कुछ लोगों ने अपने घरों की अंदर से कुंडी बंद ली. लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे. काफी मोटिवेट करने के बाद भी जब लोग नहीं निकले तो डीएम को कड़ा रुख अख्तियार करना पड़ा. माइक से अनाउंस करते हुए जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी ने साफ शब्दों में कहा कि यदि घरों से बाहर आप नहीं निकलते हो और कोरोना टेस्ट नहीं कराते हो तो जो सरकारी सुविधाएं मिली हुई हैं उनसे आपको वंचित होना पड़ेगा. साथ ही कोरोना महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई भी की जाएगी.
इस बात से डरे हुए थे लोग
गांव में इस बात का खौफ दिखाई पड़ा कि यदि कोरोना टेस्ट करवाया गया और उसमें पॉजिटिव मिले तो उन्हें अस्पताल जाना पड़ेगा. एल 2 अस्पताल की भयावह स्थिति गांव तक पहुंच चुकी है जिसके कारण लोगों में भय व्याप्त है. हालांकि, अधिकारियों ने साफ किया कि यदि कोई पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे उन्हीं के घर में होम क्वारंटाइन करके उनका उपचार कराया जाएगा. बावजूद इसके लोग घरों से बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं दिखे.
जिलाधिकारी की सराहनीय पहल
लोगों में चर्चा का विषय ये भी था कि जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव पितृ शोक के बाद भी लोगों की जान बचाने के लिए घर से बाहर निकलकर गांव-गांव पहुंच रहे हैं और लोगों को जागरूक कर उनका टेस्ट कराकर उपचार कराने का काम कर रहे हैं. जिलाधिकारी की इस सराहनीय पहल के बाद गांव में कोरोना से संबंधित भय भी कम होने लगा है और लोग कोरोना महामारी को लेकर जागरूक हो रहे हैं.
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