रायबरेली: जहां एक तरफ देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए तरह-तरह की योजनाएं धरातल पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ रायबरेली में स्वास्थ्य विभाग मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहा है. मामला जगतपुर थाना क्षेत्र के नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रसूलपुर धरांवा का है, जहां पर फार्मासिस्ट और स्वीपर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. जबकि, डॉक्टर मार्च से अस्पताल पहुंचे ही नहीं हैं. मामले को लेकर जिले के आला अधिकारी मौन धारण किए हैं.
फार्मासिस्ट और स्वीपर कर रहे हैं इलाज
जगतपुर के नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रसूलपुर धरावा में दो डॉक्टर चिकित्सा के लिए तैनात थे. जिसमें डॉ अश्वनी कुमार को क्षय रोग नियंत्रण के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी रायबरेली के यहां अटैच कर दिया गया है. जबकि, डॉ हिमांशु मार्च के बाद से अस्पताल गए ही नहीं हैं. उनकी अनुपस्थिति में वहां का फार्मासिस्ट विक्रम सिंह और स्वीपर राधे श्याम मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
राम भरोसे चल रहा है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
जिस जीवन की रक्षा के लिए डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया गया है. वही, जीवन अब स्वास्थ्य विभाग फार्मासिस्ट और स्वीपर के भरोसे बचाने में लगा है. मरीज इलाज के लिए आते हैं तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का फार्मासिस्ट विक्रम और स्वीपर राधेश्याम ही मरीजों का इलाज करते हैं. अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों की बीमारी का इलाज किस तरह से हो रहा होगा. कहना गलत नहीं होगा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रसूलपुर धरावा राम भरोसे ही चल रहा है. स्थानीय निवासी जलेश्वर सिंह के साथ-साथ मरीजों का कहना है कि डॉक्टर इलाज के लिए नहीं आता है फार्मासिस्ट वसूली करते हुए इलाज करता है.
जांच की कही गई बात
स्वास्थ्य विभाग की चरमराई व्यवस्था को सुधारने के लिए जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने शुरुआती समय मे चाबुक चलाया था और नकेल कसने की पूरी कोशिश की थी लेकिन जिलाधिकारी की ये कोशिश अभी रंग नहीं ला पाई है. स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की मिलीभगत और संरक्षण की वजह से डॉक्टर अभी भी स्वास्थ्य केंद्रों से नदारद ही मिल रहे हैं. इस बारे में पूछने पर स्वास्थ्य के मुखिया या तो बात टालते हुए नजर आते हैं या फिर बात ही घुमा देते हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह ने फिलहाल जांच की बात कही है.
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