रायबरेली: पुलिस कस्टडी में हुई मौत के मामले में आखिरकार 24 दिन बाद इंस्पेक्टर सहित दो दरोगा पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो गया है. बीते 30 अगस्त को एक दलित युवक की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी जिसके बाद जमकर हंगामा भी हुआ था. फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच क्षेत्राधिकारी सलोन को सौंप दी गई है.
परिजनों ने दी थी हत्या की तहरीर
बता दें कि, बीते 30 अगस्त को लालगंज थाना क्षेत्र के सोनू की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने कोतवाली प्रभारी हरिशंकर प्रजापति सहित दो दरोगा जेपी यादव और अरविंद मौर्या के खिलाफ हत्या की तहरीर दी थी. तहरीर देने के 24 दिन बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.
मामले को लेकर हुई थी सियासत
पुलिस अभिरक्षा में मौत के बाद कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ अन्य संगठनों ने भी परिजनों के साथ मिलकर धरना दिया था. इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी मृतक सोनू के घर पहुंचे थे. रायबरेली जिला प्रशासन ने आनन-फानन में दलित परिवार को सरकारी निधि से 5 लाख रुपए और पुलिस और प्रशासनिक विभाग के अधिकारियों ने अपने एक-एक दिन के वेतन जो कुल मिलाकर 5 लाख लाख होता था, दलित परिवार को दिया था. जिसके बाद दलित परिवार ने मामले पर चुप्पी साध ली थी. पुलिस ने दोषियों पर कार्रवाई की बात भी की थी, इसलिए प्रशासन ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दिए थे. जांच के बाद आरोपियों पर मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया है.
लगे हैं गंभीर आरोप
पूरे मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि थाना लालगंज में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी. इसमें कुछ पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप लगाया गया था. इस संबंध में मजिस्ट्रियल जांच भी की गई. जो आरोप लगाए गए थे वो गंभीर हैं. संगीन अपराध से संबंधित हैं, इसलिए इसमें मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है और इसमें निष्पक्ष रुप से विवेचना करवाई जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं मिले हैं और विसरा प्रिजर्व कर दिया गया है. सारी बातें विवेचना का विषय है और विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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