रायबरेली, एबीपी गंगा। योगी सरकार की पुलिस को ठेंगा दिखाते हुए रायबरेली में दो युवकों को ग्रामीणों ने तालिबानी सजा दी है। पहले इन दोनों युवकों को ग्रामीण गांव से उठा लाए और फिर पेड़ से बांधकर उनको बेरहमी से पीटा। युवकों की पीटने में महिलाएं भी पुरुषों से पीछे नहीं रहीं। महिलाओं ने भी पेड़ से बंधे युवकों पर जमकर डंडे बरसाए। युवकों की बेरहमी से पिटाई का ये मामला नसीराबाद थाने थाना क्षेत्र का है। युवकों की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद नसीराबाद पुलिस के हाथ पांव फूल गए और आनन-फानन में महज खानापूर्ति के लिए मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, यहां सवाल ये उठ रहे हैं कि घटना वाले दिन पुलिस को सूचना मिलने के बावजूद आरोपियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।


पूरा मामला क्या है


चोरी के आरोप में नसीराबाद थाना क्षेत्र के जमालपुर हुरैया निवासी शिवराज के साथ लगभग एक दर्जन लोगों ने अर्जुन व धर्मेंद्र निवासी बिल्लावा थाना नसीराबाद को गांव से उठा लिया और फिर पेड़ से बांधकर उनकी बेरहमी से पिटाई की। गांववालों ने इन दोनों युवकों पर मोटरसाइकिल की चोरी का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने लाठी-डंडों से दोनों युवकों को बर्बरता से पीटा। पुलिस को ठेंगा दिखाते हुए इन लोगों ने युवकों को तालिबानी सजा दे डाली और वो भी बिना आरोप सिद्ध हुए। सिर्फ चोरी के शव में इन युवकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया।



इन लोगों ने चोरी की शव की सूचना पुलिस को देना मुनासिब नहीं समझी और क्या महिला और क्या पुरुष...हर किसी ने दोनों युवकों को जीभर के पीटा और अपशब्द भी कहे। इस पिटाई का वीडियो भी सामने आया है। घटना के समय ही किसी ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस वहां पहुंची भी, लेकिन ग्रामीणों पर कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस महज खानापूर्ति करती दिखी।


यहां तक की पीड़ित युवकों के परिजनों की शिकायत पर भी नसीराबाद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन बीते दिन जैसे ही युवकों की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ, नसीराबाद पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर मुकदमा लिखा। जबकि वीडियो में पिटाई करते व खड़े होकर तमाशा देखते हुए दर्जनों लोगों के चेहरा सामने दिख रहे हैं।



नसीराबाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान तो उसी समय लग गएथे, जब मार खाने वाले युवकों को ही पुलिस थाने ले आई थी और मारने वाले आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। हालांकि, जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, नसीराबाद थाना अध्यक्ष धीरेंद्र कुमार यादव ने तत्परता दिखाते हुए दो लोगों पर मुकदमा लिखकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया, जबकि अन्य लोगों के लिए चिन्हित करने की बात कह रहे हैं।