Dehradun News: कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में मणिपुर से आर्थिक राजधानी मुंबई तक भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रही है. यह यात्रा अब असम पहुंच चुकी है. सोमवार (22 जनवरी) को गतिमान यात्रा के दौरान राहुल गांधी भगवान राम की दर्शन के लिए एक मंदिर में पहुंचे थे, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उन्हें मंदिर में जाने की इजाजत नहीं दी. इसको लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र और असम सरकार पर जमकर हमला बोला.


प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि आज बीजेपी, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर को अपनी निजी संपत्ति समझ लिया है. उन्होंने कहा कि आजादी के तुरंत बाद ही राम मंदिर निर्माण के लिए संत समाज द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दायर कर दिया गया था, उस वक्त बीजेपी दूर-दूर तक कहीं नहीं थी. माहरा ने कहा कि राम मंदिर के लिए संघर्ष और आंदोलन पीएम मोदी के राज में नहीं शुरू हुआ है. देश में यह आंदोलन सालों साल से चल रहा है, बीजेपी का जन्म 1980 में हुआ है, वह आज राजनीतिक लाभ लेने के लिए मंदिर निर्माण का श्रेय हड़प रहे हैं


करन माहरा ने असम सरकार पर लगाए आरोप
राम मंदिर उद्घाटन को लेकर उत्तराखंड के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अयोध्या में दिव्य भव्य राम मंदिर का निर्माण सरकारी धन से हो रहा है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी उसका श्रेय स्वयं लेना चाहती है. माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी सम्मान नहीं हो रहा है, संतों के ट्रस्ट की जगह आरएसएस का ट्रस्ट बना दिया गया है और अब भगवान राम के प्रति आस्था को भी दलगत आस्था से जोड़ दिया गया है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या भारतीय जनता पार्टी के अलावा अन्य किसी दल का कार्यकर्ता भगवान राम का नाम नहीं ले सकता या पूजा अर्चना और अराधना अपने तरीके से नहीं कर सकता? महारा ने आरोप लगाया कि आज राहुल गांधी पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत मंदिर पहुंचे, लेकिन असम सरकार द्वारा राहुल गांधी को रोकने का प्रयास किया गया.


असम सरकार पर निशाना साधते हुए करन माहरा ने कहा कि संविधान में दिये आस्था के अधिकारों पर ये सीधा-सीधा प्रहार है. उन्होंने कहा कि असम सरकार के इस कदम की पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है. राहुल गांधी ईश्वर में आस्था रखते हैं और केदारनाथ धाम के दर्शन के अलावा समय-समय पर कई धर्म स्थलों के दर्शन करते रहते हैं. उनकी आस्था पर बीजेपी सवालिया निशान लगाने वाली कौन होती है? माहरा ने कहा कि राहुल गांधी उस वक्त  केदारनाथ धाम के दर्शन करने आए जब दैवीय आपदा के बाद वहां कोई आने की हिम्मत नहीं कर रहा था. उस समय कई किलोमीटर पैदल चलकर उन्होंने केदारनाथ धाम की यात्रा की थी.


'बीजेपी आस्था की मनमानी व्याख्या पर तुली'
राहुल गांधी की धार्मिक यात्राओं की चर्चा करते हुए कांग्रेस नेता करन माहर ने कहा कि अमरनाथ के दर्शन के लिए भी वह पैदल चलकर के गए थे, लेकिन बीजेपी राम के नाम पर और धर्म की आड़ लेकर वोट बैंक की राजनीति कर रही है. वह चारों पीठों के सम्मानित शंकराचार्यों के निर्देशों और सुझावों को भी नहीं मान रही है और आस्था की मनमानी व्याख्या करने पर तुली हुई है. उन्होंने कहा कि चारों शंकराचार्य जो कह रहे हैं, वह शास्त्र सम्मत और अकाट्य बातें हैं. आदिकाल से हमारे पुराणों वेदों और शास्त्रों में जो बात कही गई हैं वह बताकर आदरणीय शंकराचार्य दिगभ्रमित लोगों का मार्गदर्शन कर उन्हें सचेत करने का प्रयास कर रहे हैं, परंतु उनकी बातों को जानबूझकर अनदेखा और अनसुना किया जा रहा है. इसका विरोध करते हुए कांग्रेस ने देहरादून में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा का पुतला दहन किया. कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हेमंत बिस्वा शर्मा संविधान से बड़े हो गए हैं.


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