Rahul Gandhi Citizenship: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ कथित ब्रिटिश नागरिकता के मामले में दायर याचिका पर लिए गए निर्णय को प्रस्तुत करने के लिए अगले साल 24 मार्च तक का समय दिया. इस याचिका में राहुल की ब्रिटिश नागरिकता को कथित तौर पर छुपाने के कारण इसी साल रायबरेली लोकसभा सीट से उनके निर्वाचन को रद्द करने का अनुरोध किया गया है.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने कर्नाटक के भाजपा कार्यकर्ता एस विग्नेश शिशिर द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया. अदालत ने 25 नवंबर को याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर अपने फैसले के बारे में केंद्र सरकार से जानकारी मांगी थी.
आदेश के अनुपालन में डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एस बी पांडे ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर कार्रवाई करते हुए संबंधित मंत्रालय ने ब्रिटेन सरकार को पत्र लिखकर राहुल की कथित ब्रिटिश नागरिकता के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है, इसलिए सरकार को उनके निर्वाचन को रद्द करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर अंतिम निर्णय लेने के लिए आठ सप्ताह का और समय चाहिए.
राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता का मामला
याचिका में याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उसके पास ब्रिटिश सरकार के सभी दस्तावेज और कुछ ईमेल हैं जो साबित करते हैं कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं और इस वजह से वह भारत में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं लिहाजा वह लोकसभा सदस्य का पद नहीं संभाल सकते.
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि उसने राहुल की दोहरी नागरिकता के बारे में सक्षम प्राधिकारी को दो बार शिकायतें भेजीं लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण वर्तमान याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता भारतीय न्याय संहिता और पासपोर्ट अधिनियम के तहत अपराध है, इसलिए सीबीआई को मामला दर्ज करने और इसकी जांच करने का आदेश दिया जाना चाहिए.
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