Lucknow News: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दो साल की सजा सुनाये जाने का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि 'कांग्रेसी युवराज' अभी भी राजशाही सोच से बाहर नहीं निकले हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उत्तर प्रदेश मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में मौर्य ने कहा, ''अदालत द्वारा सजा सुनाने के बावजूद जिस तरह से राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के नेता उन अपमानजनक बातों को सही ठहरा रहे हैं, वह यह बताने के लिए काफी है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं की मंशा क्या है और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समाज के बारे में उनकी सोच क्या है.''
मौर्य ने आरोप लगाते हुए तंज किया, ''कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी अभी भी राजशाही सोच से बाहर नहीं निकले हैं.'' स्वयं पिछड़ा वर्ग से संबंध रखने वाले उपमुख्यमंत्री ने सवाल किया कि क्या ओबीसी के खिलाफ देश के एक बड़े नेता को ऐसा निंदनीय बयान शोभा देता है? उल्लेखनीय है कि सूरत (गुजरात) की एक अदालत ने 'मोदी उपनाम' संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें गुरुवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई.
कांग्रेस और राहुल गांधी पिछड़ों के घोर विरोधी हैं- केशव प्रसाद मौर्य
सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और राहुल गांधी पिछड़ों के घोर विरोधी हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित जाति सूचक अपशब्दों का प्रयोगकर कर मोदी के साथ-साथ देश के 55 प्रतिशत से अधिक पिछड़े वर्ग की आबादी का अपमान किया था. अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ''न्यायालय ने सजा देकर पिछड़ों के घावों पर मरहम लगाया है.''
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अदालत का फैसला यह दर्शाता है कि देश का कानून और देश का संविधान सबसे ऊपर है और उसकी नजर में देश के सभी नागरिक समान हैं. उन्होंने कहा कि अदालत का निर्णय यह भी सिद्ध करता है कि चाहे कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो, यदि उसने अपराध किया है तो उसे सजा जरूर मिलेगी. मौर्य ने सवाल किया, ''क्या राहुल गांधी देश से और देश के संविधान से इतने बड़े हो गए हैं कि हमें गाली देने का उन्हें अधिकार मिल गया है?'' उन्होंने कहा कि माफी मांगना तो दूर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कांग्रेस के तमाम नेता जिस तरह से इसे सही ठहराने में जुटे हुए हैं, इससे यह सिद्ध होता है कि वे ओबीसी का अपमान ही अपना नैतिक धर्म समझते हैं.