Lucknow News: हाल में महाराष्ट्र में विनायक दामोदर सावरकर (Damodar Sawarkar) के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्‍पणी करने को लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ लखनऊ की एक अदालत में परिवाद दर्ज किया गया है. अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-तृतीय अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने शुक्रवार को अपने आदेश में शिकायतकर्ता को सीआरपीसी की धारा 200 के तहत अपना सबूत पेश करने का निर्देश दिया है. शिकायतकर्ता और उसके गवाहों द्वारा सीआरपीसी की धारा 200 के तहत गवाही दर्ज करने करने के बाद अदालत अपराधों का संज्ञान लेने या न लेने तथा गांधी को समन जारी करने के बारे में फैसला करेगी. अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख नौ जनवरी तय की है.


शिकायतकर्ता नृपेंद्र पांडे ने राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत एक आवेदन दायर किया था, लेकिन अदालत ने पुलिस को मामले की जांच करने का निर्देश देने से इन्कार कर दिया और इसे एक परिवाद के रूप में दर्ज किया. पांडे ने आवेदन में कहा कि राहुल गांधी ने अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करते हुए सावरकर जी का अपमान किया. उन्होंने अपने अधिवक्‍ता के जरिये राहुल गांधी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने का भी दावा किया. इसके बाद अदालत ने यह कदम उठाया.


राज ठाकरे ने कही ये बात


इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) से कहा कि वे वी डी सावरकर और जवाहरलाल नेहरू जैसी राष्ट्रीय शख्सियतों को बदनाम करना बंद करें. इसके बजाय देश के सामने पेश अहम मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें. ठाकरे ने यहां एक सम्मेलन में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले राष्ट्रीय नायकों की आलोचना करना अनुचित है, क्योंकि सभी के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं.


राज ठाकरे ने कहा, क्या राहुल गांधी का कद सावरकर के बारे में बुरा बोलने का है, जिन्हें 50 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी? जेल से बाहर आने की रणनीति नाम की कोई चीज होती है. इसे समर्पण या माफी कैसे कहा जा सकता है? राहुल गांधी ने यह दावा करके एक विवाद खड़ा कर दिया था कि सावरकर ने अंग्रेजों से दया के लिए अंडमान सेलुलर जेल से उन्हें याचिकाएं भेजी थी.