Uttarakhand News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने राहुल गांधी की हालिया टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कांग्रेस नेता ने देश में आरक्षण समाप्त करने की बात करके संविधान विरोधी मानसिकता को उजागर किया है. धामी का आरोप है कि राहुल गांधी ने सदैव देश और देशवासियों के खिलाफ जाकर विभाजनकारी शक्तियों को बढ़ावा देने का काम किया है.



धामी ने अपने बयान में कहा, राहुल गांधी ने हाल ही में एक बार फिर देश के संविधान और सामाजिक ताने-बाने को चुनौती दी है. उनका यह बयान कि आरक्षण समाप्त कर देना चाहिए, यह दर्शाता है कि उनकी सोच संविधान और सामाजिक न्याय के खिलाफ है. मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी का यह बयान उनके भारतीय लोकतंत्र और सामाजिक व्यवस्था के प्रति अनास्था को दिखाता है.

भारत की सशक्त छवि को कमजोर करने की कोशिश
सीएम धामी ने राहुल गांधी की निंदा करते हुए कहा कि गांधी ने विदेशी मंचों पर भारत की सशक्त छवि को कमजोर करने की कोशिश की है. उनका कहना है कि राहुल गांधी का राष्ट्रविरोधी तत्वों का समर्थन करना और भारत की छवि को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत करना एक नियमित आदत बन चुकी है. मुख्यमंत्री धामी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की ये बातें उनके राजनीतिक स्वार्थ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति असीम कुंठा का परिणाम हैं.

ऐसे बयानों से देश की एकता को खतरा
इसके अलावा, धामी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी का यह रवैया देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ खिलवाड़ करने का एक कुत्सित प्रयास है. उनका कहना है कि यह बयान भारतीय समाज में अस्थिरता पैदा करने के इरादे से दिया गया है. धामी ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे बयानों से न केवल देश की एकता को खतरा है, बल्कि यह भारतीय संविधान और सामाजिक ताने-बाने के खिलाफ भी है.

राहुल गांधी अपने बयानों पर ध्यान दें
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस और राहुल गांधी के इस तरह के बयानों की कड़ी निंदा की और कहा कि ऐसे बयानों से देश की एकता और अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. उन्होंने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वे अपने बयानों पर ध्यान दें और देश के संविधान और समाज की मूलभूत धारा की रक्षा के लिए सकारात्मक भूमिका निभाएं. इस बीच, राहुल गांधी की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक प्राप्त नहीं हुई है. हालांकि, इस विवाद ने एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में गर्मागर्मी बढ़ा दी है और इसे लेकर विभिन्न दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है.


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