नई दिल्ली। बजट पेश करने में बहुत ज्यादा वक्त नहीं बचा है। एक फरवरी, 2020 को आम बजट के साथ रेल बजट भी पेश होगा। करोड़ों भारतीय एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिये ट्रेन का उपयोग करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना भारतीय रेल को इकोनॉमी का ग्रोथ इंजन बनाने का है, ऐसे में उम्मीद है कि रेलवे के लिए सरकार इस बार अपना पिटारा खोले। ऐसे में इस बार रेलवे के विस्तार से लेकर उसे आधुनिक बनाने के लिए सरकार कई बड़े एलान कर सकती है।


इस बार रेलवे से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अधिक बल देने की इसलिए भी उम्मीद है, क्योंकि कैपेक्स यानी कैपिटल एक्सपेंडिचर (पूंजीगत व्यय) में इस बार 18 फीसदी का इजाफा होना संभावित है। वर्तमान वित्त वर्ष के लिए रेलवे का कैपेक्स 1.6 लाख करोड़ रुपए है, जिसे बढ़ाकर 1.8 या 1.9 लाख करोड़ रुपए किया जा सकता है। रेलवे से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार की जरूरत को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने हाल ही में नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) जारी करते हुए अगले 10 साल के लिए रेलवे कैपेक्स में हर साल 18 फीसदी ग्रोथ का टारगेट तय किया है।


उम्मीद की जा रही है कि इस बार रेलवे को पिछले बजट की तुलना में 10 फीसदी तक अधिक बजट मिल सकता है। अगले रेलवे बजट में तीन चीजों पर मुख्य रूप से फोकस करने की संभावना है- इंफ्रास्ट्रक्चर, प्राइवेट प्लेयर्स को जोड़ना और सुरक्षा। 2019-20 के 65837 करोड़ रुपये की तुलना में इस बार रेलवे को लगभग 72000 करोड़ मिल सकते हैं।


रेल बजट में इस बार ट्रेन सेट 18 या वंदे भारत ट्रेनों के विस्तार की संभावना है। इस बजट में प्राइवेट ट्रेनों के मामले में भी सरकार का रुख और स्पष्ट हो सकता है। खबरों की मानें तो पांच और ट्रेनें IRCTC को दी जा सकती हैं, जिन्हें पहले IRCTC चलाएगी और बाद में इन्हें प्राइवेट प्लेयर को सौंपा जा सकता है।


मिशन स्पीड अपग्रेड के तहत कई और रूटों पर चलने वाली ट्रेनों को 160 एवरेज स्पीड के लिए अपग्रेड किया जा सकता है। बजट में 100 फीसदी विद्युतीकरण के टारगेट को हासिल करने के लिए भी बजटीय व्यवस्था की जा सकती है। इसके अलावा सिग्नलिंग व्यवस्था को भी आधुनिक बनाने के लिए बजट में पैसे की घोषणा की जा सकती है।