प्रागराज. मो. मोईन। लॉकडाउन में ट्रेनों से सफर कर रहे प्रवासी श्रमिकों के शव मिलने की कई खबरें आई हैं. श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में बदइंतजामी के साथ ही रास्ता भटकने के कई मामले भी सामने आए हैं. वही अब रेलवे इन मामलों को लेकर बैकफुट पर आया है. रेलवे ने अपने बचाव में यात्रियों से बेहद जरूरी न होने पर ट्रेन का सफर नहीं करने की अपील की है. रेलवे ने सफाई देते हुए कहा है कि जिन यात्रियों की मौत हुई है, उनमें विभाग की कोई लापरवाही नहीं है. सभी लोगों की मौत किसी ना किसी बीमारी के कारण हुई है. इसके बावजूद अगर किसी यात्री को लगता है कि वह पूरी तरह स्वस्थ नहीं है तो उसे ट्रेन का सफर नहीं करना चाहिए.


नॉर्दन रेलवे और नॉर्थ सेंट्रल रेलवे जोन ने अपील कर कहा है कि जिन्हें कोई बीमारी है, वह यात्रा करने से बचें. जब तक कोई इमरजेंसी न हो, तब तक ट्रेन का सफर न करें. बच्चों और बुजुर्गों के साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी ट्रेन के सफर से बचना चाहिए, उन्हें भी यात्रा नहीं करनी चाहिए.


नॉर्थ सेन्ट्रल रेलवे जोन के सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि अकेले उनके जोन में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सफर कर रहे 20 मजदूरों की मौत हुई है. इनमें प्रयागराज डिवीजन में 13, झांसी में 6 और आगरा डिवीजन का एक मामला शामिल है. उन्होंने सफाई देते हुआ कहा कि मृतकों में से एक मजदूर कोरोना से पीड़ित था, जबकि बाकी लोग भी पहले से ही बीमार थे. उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि अगर उनकी तबीयत ठीक नहीं है तो उन्हें रेलवे का सफर नहीं करना चाहिए. उन्होंने दावा किया है कि कई मामलों में रेलवे की मेडिकल टीम ने बीमार मुसाफिरों की मदद भी की है. अकेले एनसीआर जोन में 13 गर्भवती महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया है. लोगों की मदद के लिए 138 और 139 के हेल्पलाइन नंबर भी दिए गए हैं.