Railway Mock Drill in Moradabad Division: उत्तर प्रदेश में उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल में ट्रेन एक्सीडेंट के बाद किए जाने वाले राहत कार्यों का मॉक ड्रिल किया गया. इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य रेल हादसे के तुरंत बाद फंसे हुए लोगों को निकाले जाने और राहत पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम को प्रशिक्षण देना था. इस दौरान रेलवे और नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स की टीम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर ट्रेन हादसे के बाद फंसे यात्रियों को राहत पहुंचाने की मॉक ड्रिल करती नजर आई.


इस मॉक ड्रिल को रेलवे प्रबंधन ने एनडीआरफ की टीम के साथ मिलकर किया. मुरादाबाद मंडल में की गई इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य दुर्घटना से प्रभावित लोगों को तुरंत मेडिकल सहायता पहुंचाना और ट्रेन एक्सीडेंट के दौरान फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकलना था. मॉक ड्रिल के दौरान यह दिखाया गया कि ट्रेन हादसे के बाद रेलवे प्रबंधन अपनी मेडिकल टीम और एनडीआरएफ के जवानों के साथ मौके पर पहुंचकर किस तरह से राहत कार्य करती है.


एक्सीडेंट में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की ड्रिल


फिलहाल इस अभ्यास में न सिर्फ एनडीआरएफ और रेलवे बल्कि तमाम और ऐसी एजेंसियों की सहायता ली जाती है जो बचाव कार्य में अपनी दक्षता रखती हैं. मॉक ड्रिल के दौरान बचाव दल की यहीं रणनीति होती है कि वह सभी टीमों के साथ मिलकर एक दूसरे को सहयोग करें और एक्सीडेंट में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल कर उनको तुरंत मेडिकल सहायता मुहैया करा सके.


मॉक ड्रिल के मौजूद डीआरएम मुरादाबाद रेल मंडल


रेलवे की इस मॉक ड्रिल के मौके पर डीआरएम मुरादाबाद रेल मंडल ने बताया कि रेलवे प्रबंधन और एनडीआरएफ टीम ने मिलकर मॉक ड्रिल किया, इस अभ्यास के दौरान ट्रेन का एक्सीडेंट होने पर उसमें फंसे मुसाफिरों को निकाले जाने का अभ्यास किया गया. उन्होंने बताया कि इस मॉक अभ्यास को कराने का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि ट्रेन एक्सीडेंट के बाद किस तरह निपटा जाए और उस ट्रेन में फंसे यात्रियों को सकुशल कैसे बाहर निकाल कर उनको मेडिकल उपचार दिलाया जाए.


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