(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण के विरोध में उतरे कर्मचारी, कहा- मरते दम तक आंदोलन करेंगे
रेलवे कर्मचारी अब सरकार की नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि रेलवे को प्राइवेट हाथों में नहीं जाने देंगे. यही नहीं, इसके लिये सड़क पर भी उतरेंगे.
गोरखपुर. रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण के विरोध में रेलवे के कर्मचारी संगठन लामबंद हो गए हैं. अलग-अलग बैठकों और आंदोलन का दौर शुरू हो गया है. पदाधिकारियों का कहना है कि वे निजीकरण और निगमीकरण का पूरी तरह से विरोध करते हैं. मोदी सरकार रेलवे को टुकड़े-टुकड़े में बेच रही है. भारतीय रेल को अडानी-अंबानी रेल नहीं बनने दिया जाएगा. वे मरते दम तक आंदोलन करेंगे.
राष्ट्रव्यापी आंदोलन
निजीकरण और निगमीकरण के विरोध मे रेलवे कर्मचारियों का राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू हो गया है. एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) और पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ (पीआएसएस) ने पूरी तरह से आंदोलन का मूड बना लिया है. लगातार बैठकों का दौर चल रहा है. सभी संगठन रेलवे के निजीकरण के विरोध में उतर गये हैं. रेलवे कर्मचारी संगठनों ने निजीकरण के विरोध में आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है. भारतीय रेलवे मजदूर संघ के आह्वान पर ये आंदोलन शुरू हुआ है. ये आंदोलन 19 सितम्बर तक जारी रहेगा.
सड़क पर उतरेंगे
एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के कार्यकारी अध्यक्ष ब्रजेश भट्ट ने कविता सुनाकर पत्नी और परिवार के दर्द को बयां किया. उन्होंने कविता के माध्यम से बताया कि किस तरह कर्मचारियों के परिवारवाले पूछ रहे हैं कि उनके पिता और उनके पति छंटनी में जा रहे हैं. अब रेलवे का निजीकरण हो जाएगा, तो पेंशन भी नहीं मिलेगी. हमारे युवाओं को रोजगार के नाम पर कम सैलरी में काम करना होगा. ये हमारा ही नहीं पूरे समाज का अहित हो रहा है. वे मरते दम तक आंदोलन करेंगे. जरूरत पड़ी तो सड़क पर भी उतरेंगे.
प्राइवेट हाथों में नहीं जाने देंगे
एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के संयुक्त मंत्री नवीन कुमार मिश्रा ने कहा कि वे लोग केवल रेल को बचाने के लिए सड़क पर उतर रहे हैं. रेल रहेगी, तभी देश रहेगा. इसके लिए वे आंदोलन कर रहे हैं. गाइडलाइन के हिसाब से हम कार्यक्रम करना है. वे भारत सरकार को चेतावनी देते हुए कहते हैं कि रेलवे को प्राइवेट हाथों में बेचने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वायदा किया था कि वे रेलवे को बिकने नहीं देंगे. आज वो बेच रहे हैं. ट्रेन और स्टेशन के साथ रेलवे को टुकड़े-टुकड़े में बेच रहे हैं. कर्मचारियों की बहुत सी समस्याएं हैं. युवाओं को न्यू पेंशन स्कीम की बातें हैं. सांसद-विधायकों का पेंशन ले लेंगे. हमारी पेंशन नहीं देंगे.
नहीं करने देंगे दोहन
पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद गुप्ता, सहायक मंडल मंत्री योगेश चन्द्र शुक्ला और केन्द्रीय उपाध्यक्ष संजय त्रिपाठी ने कहा कि उनकी मांग है कि पुरानी पेंशन स्कीम को खत्म कर नई पेंशन नीति को लागू कर दिया. वे निजीकरण और निगमीकरण का विरोध करते हैं. भारतीय रेल कमाऊं बन गई है, तो मोदीजी से मिलकर इसका निजीकरण और निगमीकरण हो रहा है. भारतीय रेलवे मजदूर संघ के नेतृत्व में इसका विरोध किया जा रहा है. रेलवे को वो भारतीय रेल से अडानी और अंबानी रेल बनाकर हमारा दोहन नहीं करने देंगे.
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