मुरादाबाद, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में अफसरशाही की लापरवाही के चलते शहर की लाइफ़ लाइन कहे जाने वाला लोको शेड पुल जो 2015 में बनना शुरु हुआ था, अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है। जबकि इस पुल को 18 महीने में बनकर तैयार हो जाना था लेकिन चार साल गुजर गये और पुल अभी भी अधूरा है। हालांकि रेलवे के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि पुल के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है लेकिन सच्चाई ये है कि पुल के निर्माण के नाम पर सिर्फ कागजी कार्यवाही ही चल रही है, और पुल का काम होता नजर नहीं आ रहा है। जिसकी वजह से मुरादाबाद के लोगों को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और अब तो लोग इस पुल को पंचवर्षीय योजना बताने लगे हैं ।
मुरादाबाद में पुराने नेशनल हाइवे 24 का रेलवे लाइन के ऊपर से गुजरने वाला पुल लोको शेड पुल के नाम से जाना जाता है, जो पुराने शहर और नये शहर को जोड़ने का काम करता है। मुरादाबाद का ये सबसे पुराना पुल है, जिसको नये सिरे से चाल लेन करने के लिए 2015 में उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम ने 31 करोड़ की लागत से बनाना शुरू किया था। पुल का 20 प्रतिशत काम उत्तर रेलवे को करना था जो रेलवे लाइनों के ऊपर था, काम 18 महीने में पूरा होना था लेकिन चार साल का समय गुजर चुका है और काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है। यूपी राज्य सेतु निगम और रेलवे के बीच सिर्फ कागजी कार्यवाही चल रही है और पुल की लागत बढ़कर 31 करोड़ से 37 करोड़ हो चुकी है।
एक तो समय से काम पूरा नहीं किया और ऊपर से 6 करोड़ की लागत बढ़ा दी गयी, लेकिन इसके बावजूद भी मुरादाबाद के लोग पुल पर चल नहीं सकते, यूपी राज्य सेतु ने दोनों तरफ से पुल लगभग तैयार कर दिया है, लेकिन रेलवे ने पैसा लेने के बाद भी अपना हिस्सा अभी तक नहीं बनाया जिसके कारण पुल अधूरा है और दावा रेलवे के अधिकारी ये कर रहे हैं की जल्द ही नये साल तक पुल तैयार हो जायेगा और काम काफी तेज़ी से चल रहा है। हमने मौके पर जा कर देखा तो पुल के निर्माण का काम नजर नहीं आया और रेलवे के दावे हवा हवाई नजर आये। लंबे समय से पुल निर्माणधीन होने से लोगों को परेशानी हो रही है और उन्हें इंतजार है कि आखिर कब ये पुल बनकर तैयार होगा और कब उन्हें इस इस पुल का लाभ मिल पायेगा।