भोलेबाबा की शादी में इंद्रदेव ने किया तांडव नृत्य, आसमान से बरसाई अमृतवर्षा
महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। संगम नगरी में सुबह से हल्की बारिश हो रही है। श्रद्धालुओं का कहना है कि इंद्रदेव अमृत बरसा रहे हैं
प्रयागराज, एबीपी गंगा। भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का पर्व महाशिवरात्रि आज संगम नगरी प्रयागराज में भी पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर जहां शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी उमड़ी हुई है वहीं गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर आस्था की डुबकी लगाने वालों का सैलाब उमड़ा हुआ है। महाशिवरात्रि के पर्व के साथ ही संगम की रेती पर जनवरी महीने से लगे माघ मेले का आज औपचारिक तौर पर समापन भी हो जाएगा। हालांकि इस बार की महाशिवरात्रि पर मौसम काफी खराब है। प्रयागराज में भोर से ही रुक-रूककर बारिश हो रही है। किसी वक़्त तेज़ बारिश होती है तो किसी वक्त रिमझिम बरसात। बारिश और ठंड बढ़ने के बावजूद लोगों की आस्था में कोई कमी नहीं नजर आ रही है। श्रद्धालुओं का मानना है कि भोले बाबा की शादी के उत्सव में इंद्रदेव भी नृत्य करते हुए आसमान से अमृत बरसा रहे हैं, क्योंकि यह बारिश किसानों के चेहरों पर खुशी लाने वाली है।
महाशिवरात्रि के मौके पर भोले भंडारी के भक्त सुबह सूरज की पहली किरण निकलने से पहले ही शिवालयों में पहुंचकर जलाभिषेक कर बेल की पत्तियां और दूध चढ़कर अपनी मनोकामनाएँ पूरी होने का आशीर्वाद मांग रहे हैं। इसके अलावा आज शहर में कई जगहों पर शिव बारात और भगवान शिव की शोभा यात्रा भी निकाली जा रही है। संगम नगरी प्रयागराज में भगवान शिव मनकामेश्वर, सोमेश्वर, तक्ष्केश्वर और दशाश्वमेध रूपों में विद्यमान हैं।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक सृष्टि की रचना के लिए किये गए दशाश्वमेध यज्ञ से पहले ब्रह्मा जी ने खुद अपने ही हाथों भगवान शिव के प्रतीक को गंगा के तट पर स्थापित कर खुद उनकी पूजा की थी। महाशिवरात्रि पर माघ मेले के अंतिम दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आज संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुँच रहे हैं। इस मौके पर संगम पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।