UP Politics: योगी सरकार के इस फैसले के खिलाफ एक हुए राजा भैया-अनुप्रिया पटेल, खुलकर जताई नाराजगी
Yogi Adityanath News: उत्तर प्रदेश विधानपरिषद में लाया गया नजूल भूमि विधेयक भारी हंगामे के बाद अटक गया है. सीएम योगी को सिर्फ विपक्षी दलों का ही अपने सहयोगियों का भी विरोध झेलना पड़ा.
Yogi Adityanath News: उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र के आखिरी दिन नजूल संपत्ति विधेयक को लेकर विधानपरिषद में जमकर हंगामा देखने को मिला. जिसके बाद ये विधेयक अटक गया और सरकार को इसे प्रवर समिति को भेजना पड़ा. योगी सरकार इस मुद्दे पर बैकफुट पर नजर आई, जहां बीजेपी के ही कई नेताओं ने इसका विरोध किया तो वहीं उनके सहयोगी भी इस विधेयक पर उनके साथ खड़े नहीं दिखाई दिए. राजा भैया और एनडीए में शामिल अपना दल एस की नेता व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी इसका विरोध किया.
योगी सरकार ने बुधवार को नजूल भूमि विधेयक विधानसभा में पेश किया था, जिसे उसी दिन पास भी करा लिया गया. हालांकि इस दौरान समाजवादी पार्टी, कांग्रेस ने इसका विरोध किया तो वहीं सरकार के साथ दिखने वाले राजा भैया भी इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के सुर में सुर मिलाते दिखे. योगी सरकार के सहयोगी राजा भैया ने भी नजूल संपत्ति विधेयक का विरोध किया और इस फैसले पर फिर से विचार करने को कहा.
योगी सरकार के विरोध में दिखे राजा भैया
यूपी की कुंडा सीट से विधायक जनसत्ता दल के नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने कहा कि ये समझ से परे हैं कि किन अधिकारियों ने इसकी फीडिंग की है. उन्होंने कहा कि अगर, अंग्रेज फ्री होल्ड कर सकते हैं तो ये जनहितकारी सरकार क्यों नहीं कर सकती. इलाहाबाद हाई कोर्ट भी नजूल की भूमि पर बना है, क्या सरकार उसे भी ख़ाली कराएगी. वहीं उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमने नजूल विधेयक का विरोध किया है क्योंकि ये जनता के हित में नहीं है. इससे लोग बेदखल होंगे. उनके घर टूटेंगे. नजूल भूमि को लेकर अधिकारियों ने सरकार को गलत फीडबैक दिया है.
अनुप्रिया पटेल ने बताया जल्दबाजी
राजा भैया ही नहीं एनडीए की सहयोगी केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पहले ने इस विधेयक को गैर जरूरी और जन भावना के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इसे जल्दबाज़ी में लाई है. इसे वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने एक्स पर लिखा- 'उत्तर प्रदेश सरकार को इस विधेयक को तत्काल वापस लेना चाहिए और इस मामले में जिन अधिकारियों ने गुमराह किया है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.'
उन्होंने आगे लिखा- नजूल भूमि संबंधी विधेयक को विमर्श के लिए विधान परिषद की प्रवर समिति को आज भेज दिया गया है. व्यापक विमर्श के बिना लाये गये नजूल भूमि संबंधी विधेयक के बारे में मेरा स्पष्ट मानना है कि यह विधेयक न सिर्फ गैरजरूरी है बल्कि आम जन मानस की भावनाओं के विपरीत भी है.
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