राजा भैया के करीबी नेता ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, भारतीय सेना के लिए कर दी ये मांग
UP News: राजा भैया के करीबी नेता कुंवर अक्षय प्रताप सिंह भारतीय सेना में पासी रेजिमेंट बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस समाज के लोगों ने देश की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई.
Pasi Regiment: उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में सदस्य और कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के बेहद करीबी कुंवर अक्षय प्रताप सिंह 'गोपाल जी' ने केंद्र सरकार से पासी रेजिमेंट बनाए जाने की मांग की है. उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि देश पासी रेजिमेंट मांग रहा है. भारत की आज़ादी से पहले 300 सालों के इतिहास में पासी समुदाय अपनी वीरता के लिए विख्यात रहा है.
अक्षय प्रताप ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में पासी समुदाय की वीरता का इतिहास बताते हुए भारतीय सेना में पासी रेजिमेंट बनाने की मांग की. उन्होंने कहा कि पासी समाज लंबे समय से इसकी मांग कर रहा है. उन्होंने कहा कि पासी समाज ने मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक से लड़ाई लड़ी है जिसकी वजह से अंग्रेजों ने इनसे डरकर एक एक्ट लाए और इसके जरिए कई राजाओं की सेना में मौजूद पासी समुदाय के सैनिकों को लंबे समय तक जेल में डाला गया था.
पासी समाज की वीरता का किया जिक्र
जनसत्ता दल के नेता ने कहा कि पासी समाज की 21 उपजातियों ने मुगलों से लंबा संघर्ष किया और भारतीय संस्कृति एवं सनातन की रक्षा के लिए मुगलों से लंबा संघर्ष किया और अपनी जान की बाजी लगा दी. इस समाज के लड़ाकों के साथ साथ वीरांगनाओं ने भी अपने समाज और आबरू को बचाने के लिए सुअर पालन शुरू किया. क्योंकि जहां सुअर होते थे वहां मुगल आक्रांता जाने से परहेज करते थे. पासी समाज ने अपने पौरुष और रण कौशल से हिंदू समाज के रक्षक के रूप
में लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी.
उन्होंने आगे कहा कि आजादी के बाद से थानों में पासी जाति के चौकीदार नियुक्त किए जाते रहे हैं. पासी समाज कि जातियां देश भर में हैं और आज भी अपने पौरुष की वजह से मेहनतकश श्रमिक माने जाते हैं. इतना ही नहीं अपने शौर्य के बूते भारत की हरित क्रांति में पासी समाज के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. 1857 की क्रांति में राणा बेनी माधव बख्श सिंह के नेतृत्व में लड़ी गई लड़ाई में भी राणा की सेना के सेनापति बीरा पासी ही थे, जिन्होंने अंग्रेजों के दाँत खट्टे कर दिए थे.
कुंवर अक्षय प्रताप सिंह ने कहा कि 'यह इस बिरादरी के लिए बहत दुखद है कि स्वाधीन भारत में पासी समुदाय की वीरता को सम्मान नहीं मिला. इसलिए आपसे अनुरोध है कि 12वीं शताब्दी से स्वतंत्रता तक विदेशी आक्रांताओं से लेकर अंग्रेजों तक से लोहा लेने वाली इस जाति को सम्मान देने के लिए भारतीय सशस्त्र सेना में पासी रेजीमेंट गठित की जाए.
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