राजा भैया ने कर दिया 'खेला', कई सीटों पर BJP की बढ़ी मुश्किलें, मेनका गांधी के लिए बनी चुनौती
Raja Bhaiya हमेशा से यूपी की सियासत में प्रासंगिक रहे हैं. अब उनके गेम प्लान से बीजेपी भी परेशान होती दिख रही है.
UP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में अभी दो चरणों का मतदान बाकी है. पांच चरणों की वोटिंग संपन्न हो चुकी है. बाकी के दो चरणों का मतदान क्रमशः 25 मई और 1 जून को होना है. इस बीच की यूपी की सियासत में कुछ न कुछ नया हो रहा है. ताजा घटनाक्रम प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा सीट से विधायक और जनसत्तादल लोकतांत्रिक के नेता रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया से जुड़ा हुआ है.
दरअसल, सुल्तानपुर के पूर्व विधायक चन्द्र भद्र सिंह सोनू मंगलवार को सपा में शामिल हो गए. इससे पहले उन्होंने अखिलेश से मुलाकात की. चन्द्र भद्र सिंह सोनू 2019 में सुल्तानपुर से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके है.चन्द्र भद्र सिंह इसौली से विधायक रह चुके हैं. इनके पिता इन्द्र भद्र सिंह भी विधायक रहे हैं.
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राजा भैया का समर्थन मिला!
दावा किया जाता है कि चंद्रभद्र सिंह, राजा भैया के पुराने करीबी हैं. चंद्रभद्र सिंह के बहुजन समाज पार्टी से सपा में आने के पीछे माना जा रहा कि यह राजा भैया के उस संदेश का असर है जिसमें कुंडा विधायक ने खुले तौर पर बीजेपी का विरोध कर दिया. पहले तो राजा भैया ने किसी भी दल का समर्थन नहीं किया था लेकिन कौशांबी में वोटिंग वाले दिन उन्होंने कहा कि एंटीइंकंबेंसी है. इसके बाद कौशांबी से सपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज ने भी दावा किया कि उन्हें राजा भैया का समर्थन मिल चुका है.
चंद्रभद्र सिंह के सपा में आने से बीजेपी और सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर उनकी प्रत्याशी मेनका संजय गांधी के चुनाव पर असर पड़ सकता है. बीते चुनाव में मेनका गांधी और चंद्रभद्र सिंह के बीच अदावत के बारे में सबको पता है. पिछले चुनाव में बसपा से लड़े और बहुत कम वोट से मेनका से हारे थे. अगर अपने लोगों के लिए लड़ना बाहुबल है तो मैं बाहुबली हूं.