Raja Bhaiya Political Career: लोकसभा चुनाव से पहले यूपी की सियासत गरमाई हुई है. सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस से बातचीत खटाई पड़ने की ख़बरों के बीच सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कुंडा से बाहुबली विधायक राजा भैया से मुलाक़ात की है. उन्होंने राजा भैया की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी फोन पर बात कराई है. इस बीच राजा भैया की जनसत्ता दल और सपा के बीच गठबंधन की सुगबुगाहट तेज़ हो गई है. ये इसलिए और अहम हो जाता है क्योंकि अगले सप्ताह राज्यसभा चुनाव होने हैं ऐसे में एक-एक वोट अहम है.
राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतात्रिंक पार्टी के दो विधायक हैं. एक वो खुद और दूसरा बाबगंज सीट से विनोद सोनकर हैं. इसके अलावा एक बसपा और दूसरा कांग्रेस का विधायक भी उनके संपर्क में हैं. माना जा रहा है कि वो जिसे कहेंगे वहाँ ये तीनों विधायक वोट दे देंगे. यही नहीं राजा भैया से सपा की लोकसभा चुनाव को लेकर भी बात हुई है. आईए आपको बतातें है राजा भैया कौन हैं और उनकी यूपी की सियासत में इतनी धमक क्यों हैं.
जानें- कौन हैं राजा भैया?
दरअसल राजा भैया यूपी के प्रतापगढ़ ज़िले की भदरी रियासत से आते हैं. उनके पिता का नाम उदय प्रताप सिंह है जो इस रियासत के उत्तराधिकारी हैं. राजा भैया का जन्म 31 अक्टूबर 1967 को हुआ था. उनका पूरा नाम रघुराज प्रताप सिंह हैं लेकिन लोग उन्हें 'राजा भैया' के नाम से ही जानते हैं. राजा भैया ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दून स्कूल से की. इसके बाद उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और बहुत छोटी उम्र में ही राजनीति में कूद गए.
साल 1993 में राजा भैया ने पहली बार कुंडा से विधानसभा चुनाव लड़ें और जीत हासिल की. उस वक़्त उनकी उम्र सिर्फ़ 24 साल की थी. तब से राजा भैया आज तक चुनाव नहीं हारे हैं. राजा भैया के पिता कभी नहीं चाहते थे कि वो राजनीति में आए. लेकिन जब राजा भैया अपनी ज़िद पर अड़े रहे तो उनके पिता ने अपने गुरू की सलाह लेने को कहा था.
लगातार सात बार विधायक रह चुके हैं
राजा भैया देवरहा बाबा को अपना गुरू मानते हैं. एक इंटरव्यू में भी उन्होंने अपने गुरू का ज़िक्र किया था और कहा था कि वो जब भी परेशान होते हैं तो उनका ध्यान करते हैं, जिससे उन्हें शांति मिलती है. 1993 से अब तक राजा भैया 7 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन आज तक उनके पिता उदय प्रताप सिंह ने उनके लिए वोट नहीं माँगा. राजा भैया के पिता का कहना है कि उन्हें किसी के आगे हाथ फैलाना पसंद नहीं है.
राजा का साम्राज्य काफ़ी बड़ा हैं. उनके पास अरबों की संपत्ति हैं, लेकिन साल 2022 विधानसभा चुनाव के हलफनामे के मुताबिक़ उनके पास क़रीब 24 करोड़ की संपत्ति हैं, जिनमें क़रीब 16 करोड़ चल और 7.91 करोड़ की अचल संपत्ति है. उनकी पत्नी और बच्चों के पास 12 किलो से ज़्यादा सोना और 50 किलो चांदी है. इनमें से सिर्फ़ राजा भैया के पास साढ़े तीन किलो सोना है.
मायावती सरकार में जेल गए
यूपी की सियासत में राजा भैया का दबदबा रहा है, लेकिन साल 2002 में मायावती सरकार में उन्हें जेल भी जाना पड़ा. मायावती ने पोटा की कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल में भेज दिया था, जिसके बाद उन्होंने क़रीब 11 महीने जेल में रहना पड़ा, हालांकि मायावती के हटने के बाद मुलायम सिंह यादव की जब पोटा हटा तब वो जेल से बाहर आए. अखिलेश यादव ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री बनाया और अब वो योगी सरकार की भी कई बार तारीफ़ कर चुके हैं.
Lok Sabha Election 2024: सपा-कांग्रेस में बात अटकी तो RLD बोली- हो गया सब साफ, अब रचा जाएगा इतिहास