प्रतापगढ़, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवें चरण के तहत उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर सोमवार को मतदान होना है। संवेदनशील सीटों पर निर्बाध चुनाव कराने के लिए प्रशासन ने कुछ लोगों पर नजरबंद करने की कार्रवाई की है। इसी कड़ी में प्रतापगढ़ जिला प्रशासन ने कुंडा के विधायक जनसत्ता दल के मुखिया रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया समेत आठ प्रभावशाली लोगों को नजरबंद कर दिया है। ये सभी लोग चुनाव के दिन  नजरबंद रहेंगे।


ये भी रहेंगे नजरबंद


राजा भैया के साथ-साथ बाबागंज विधायक विनोद सरोज,सपा नेता गुलसन यादव,सपा जिलाध्यक्ष छविनाथ यादव पर भी नजरबंद की कार्यवाही की गई है। ये लोग सिर्फ वोट देने बूथ तक जाएंगे। चुनाव आयोग को कुंडा में इन आठ प्रभावशाली लोगों दवारा अशांति फैलाने की आशंका थी। प्रतापगढ़ जिला प्रशासन ने कौशाम्बी जिले का चुनाव सकुशल कराने के लिए ये कदम उठाया है। कौशाम्बी लोकसभा सीट की दो आंशिक विधानसभाएं प्रतापगढ़ की कुंडा और बाबागंज हैं।


चुनाव में हासिल की जीत


बता दें कि साल 1993 में पहली बार राजा भैया ने कुंडा सीट से चुनाव लड़ा था। आज तक राजा भैया ने निर्दलीय ही चुनाव लड़ा है और जीत हासिल की है। इसके बाद से वे लगातार इसी सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल करते आ रहे हैं। कुंडा विधानसभा सीट से वो लगातार छठी बार विधायक हैं। राजा भैया प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। ठाकुर मतदाताओं पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है।


मुलायम सिंह यादव से रहे मजबूत संबंध


बीएसपी सुप्रीमो मायावती से अदावत रखने वाले राजा भैया का मुलायम सिंह यादव से अपनेपन का संबंध रहा है। मुलायम सरकार में वे मंत्री भी थे। मायावती ने तो राजा भैया को पोटा कानून में जेल भिजवा दिया था। अखिलेश यादव की सरकार में राजा भैया जेल मंत्री फिर बाद में खाद्य और आपूर्ति मंत्री भी बने। डीएसपी जिया उल हक की हत्या के बाद राजा भैया को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सीबीआई से क्लीन चिट मिलने के बाद वे दोबारा मंत्री बने।