Rajasthan News: राजस्थान में कंपटीशन की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के सामने पेपर लीक और नकल बड़ी समस्या है. अब इसको लेकर राजस्थान सरकार ने फूलप्रूफ प्लान बना लिया है. इस बाबत सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने अहम एलान किया है. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि एंटी चीटिंग सेल (Anti Chitting Cell) के गठन के लिए वित्तीय स्वीकृति दे दी गई है.
सीएम ने सिलसिलेवार ट्वीट्स में कहा- "प्रतियोगी परीक्षाओं में अनियमितता को रोकने के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप में गठित विशेष अनुसंधान इकाई एन्टी चीटिंग सेल (एग्जामिनेशन फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन यूनिट) के लिए 9 पदों की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति दी है."
सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर किया यह दावा
उन्होंने कहा- "इस यूनिट में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एक पुलिस निरीक्षक और एक पुलिस उप निरीक्षक सहित कुल 9 पदों और वाहन सहित अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की स्वीकृति प्रदान की है. राज्य बजट 2022-23 में भर्ती परीक्षाओं में अनियमितता रोकने के लिए इस एन्टी चीटिंग सेल के गठन की घोषणा की थी."
राजस्थान के सीएम ने कहा- "इस इकाई के गठन से प्रदेश में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक होने, नकल सहित अन्य अनियमितताओं को रोकने में मदद मिलेगी और इनसे संबंधित प्रकरणों में प्रभावी तफ्तीश कर अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने में सहायता मिलेगी."
पेश हुआ था राजस्थान परीक्षा विधेयक
इसी साल फरवरी में सरकार ने राजस्थान परीक्षा विधेयक 2022 पेश किया था. इसमें कहा गया था "प्रश्न पत्र लीक करना आम जनता के साथ विश्वासघात करता है. राज्य को भी परीक्षाओं को रद्द करने के बाद, पर्याप्त प्रशासनिक लागत का नुकसान उठाना पड़ता है. भारत के संविधान के समानता मानदंड के आधार पर नौकरियों में चयन के लिए एक निष्पक्ष और उचित प्रक्रिया को अपनाने की जरुरत है, यह उचित और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया आर्टिकल 14 (समानता का अधिकार) की एक मूलभूत जरुरत है."
विधेयक के अनुसार विधानसभा में पेश किए गए राजस्थान परीक्षा विधेयक 2022 के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति या समूह से सार्वजनिक परीक्षा में अवैध तरीके से मदद लेता है, या किसी गैजेट का उपयोग धोखा देने के लिए करता है, तो उस व्यक्ति को अधिकतम तीन साल के जेल की सजा और एक लाख का जुर्माना हो सकता है.
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