Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में मुख्यमंत्री के लिए कांग्रेस के किस उम्मीदवार का समर्थन करेगी RLD? जयंत चौधरी ने किया खुलासा
राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी घमासान के बीच आरएलडी (RLD) के प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने बड़ा बयान दिया है.
Rajasthan Political Crisis: राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में मुख्यमंत्री पद को लेकर घमासान अब भी जारी है. राजधानी जयपुर (Jaipur) में रविवार देर रात तक इस मुद्दे को लेकर खींचतान चलती रही. जयपुर में सीएम आवास पर कांग्रेस लेजिस्लेचर पार्टी यानी CLP की मीटिंग होनी थी लेकिन ये मीटिंग कैंसिल हो गई. इस बीच राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस (Congress) को समर्थन कर रही पार्टी आरएलडी (RLD) के प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने मुख्यमंत्री पद को लेकर बड़ा बयान दिया है.
जयंत चौधरी ने ट्वीट कर लिखा, "राजस्थान के सम्बंध में गठजोड़ को निभाने में ना हमने कोई कसर छोड़ी है और ना ही आज उसमें कोई परिवर्तन होगा. अगर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव पश्चात कोई नया समीकरण बनता है तो राज्य में मुख्यमंत्री पद का फैसला भी कांग्रेस को लेना होगा." हालांकि राज्य में आरएलडी का केवल एक ही विधायक है. यहां सुभाष गर्ग आरएलडी से भरतपुर के विधायक हैं.
गहलोत गुट ने कही ये बात
वहीं दूसरी ओर सीएम अशोक गहलोत गहलोत समर्थकों का कहना है कि नए सीएम का चयन कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद हो, साथ ही गहलोत की सहमति से हो. यही नहीं ये भी कहा गया है कि जो 102 विधायक संकट में कांग्रेस के साथ थे उन्हीं लोगों में से सीएम चुना जाए. माना जा रहा है कि अब सोमवार को मुख्यमंत्री गहलोत और सचिन पायलट पर्यवेक्षकों के साथ दिल्ली जा सकते हैं.
अशोक गहलोत के करीबी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का दावा है कि करीब 90 से ज्यादा विधायकों ने विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंपा है. अगर ये आंकड़ा सही है तो राजस्थान में कांग्रेस के ज्यादा विधायक नहीं चाहते कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिले.
इधर राजस्थान के धौलपुर के बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि शांति धारीवाल के निवास पर मीटिंग का कोई औचित्य नहीं है. जब आलाकमान ने पर्यवेक्षक भेजे हैं तो तो उससे पहले मीटिंग करने का क्या मतलब. मलिंगा ने मंत्री सुभाष गर्ग पर भी तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जो कांग्रेसी नहीं उसे पार्टी के अंदरूनी मामले में बोलने का हक नहीं.
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