(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जब भूतपूर्व पीएम ने अमेठी में कहा- हेलो मैं राजीव बोल रहा हूं, इस वजह से चौंक गए थे लोग
UP News: राजीव गांधी ने अमेठी से बिना तार वाले फोन से गोवा के अपने दोस्त से बात की थी. पहली डब्ल्यूएलएल से राजीव गांधी ने ही बात की थी. वहीं उन्होंने यह भी कहा था कि अमेठी विकास की प्रयोगशाला है.
Amethi News: भूतपूर्व प्रधानमंत्री और अमेठी से सांसद रहे कांग्रेस नेता राजीव गांधी ने जब पहली बार बिना तार वाले WLL फोन से बात की थी तब जनता चौंक गई थी. राजीव ने सबसे पहले अपने गोवा के दोस्त से बातचीत की था. हेलो मैं राजीव बोल रहा हूं इन शब्दों के साथ जब राजीव गांधी ने गोवा में अपने एक दोस्त को अमेठी से पहली बार WLL से फोन किया और बात की. यह देख सभी दंग रह गए. कि न कोई तार जुड़ा है और न ही कोई बड़ा तकनीकी सिस्टम फिर भी बात हो रही है. बात मार्च 1989 की है. गौरीगंज के राजीव साइंस कॉलेज में विज्ञान प्रदर्शनी लगी थी. राजीव गांधी उद्घाटन करने पहुंचे थे.कई मंत्री सांसद व कांग्रेस के दिग्गज नेता और अफसर भी थे. इन्हीं लोगों में राजीव गांधी के करीबी महेंद्र तिवारी भी मौजूद थे.
महेंद्र तिवारी कहते है कि प्रदर्शनी के शुभारंभ के बाद तब के संचार मंत्री वीरभद्र सिंह ने राजीव गांधी के सामने एक चौकोर आकार की डिब्बे जैसी वस्तु पेश कि और यह बिना तार वाला टेलीफोन है. इस जहां चाहो वहां रख सकते है ले जा सकते है और इससे जहां चाहे वहां बात कर सकते है. वह WLL फोन था. कहा जाता है कि राजीव गांधी ने हैरत भरी निगाहों से पहले देखा और कहा कि मैं अभी किसी से बात कर सकता हूंतो संचार मंत्री ने कहा कि बात करके देख लीजिए.
पहले WLL से बात की थी राजीव गांधी ने
राजीव गांधी ने गोवा अपने दोस्त को फोन मिलाया और उनसे बात भी की. कहा जाता है कि विज्ञान प्रदर्शनी में कई नई तकनीकों का प्रदर्शन हुआ था. जिसमें WLL फोन भी था. इस प्रदर्शनी में राजीव गांधी ने पहली WLL से बात की. उसके बाद फिर से इसे पूरे देश में प्रसारित किया गया.
अमेठी को विकास की प्रयोगशाला कहते थे राजीव गांधी
वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेंद्र तिवारी कहते है कि राजीव गांधी अमेठी को विकास की प्रयोगशाला कहते थे. उसके समय में जब भी कोई नई योजना बनती थी. उसे अमली जामा अमेठी में ही पहनाने का प्रयास किया जाता था. खास तौर से संचार के क्षेत्र में उन्होंने वहां से कई तकनीकों की शुरुआत की जिस प्रदर्शनी में वह शामिल होने आए थे. उसमें सभी विभागों की स्टॉल लगायी गय़ी थी.
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