Kaushambi News: राजू पाल हत्याकांड के 18 साल बाद भी नहीं मिला आरोपी अब्दुल कवि, अभी भी जारी है सर्च ऑपरेशन
Raju Pal Murder Case: आरोपी अब्दुल कवि 18 साल सीबीआई, एसटीएफ और पुलिस को चकमा देकर फरार है. हाल ही में अब्दुल कवि के भाई अब्दुल कादिर को भी पुलिस ने अवैध असलहों के जखीरा के साथ पकड़ा था.
Kaushambi News: यूपी के प्रयागराज (Prayagraj) में 18 साल पहले हुए बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड में शामिल माफिया अतीक अहमद का शार्प शूटर 50 हजार का इनमिया अब्दुल कवि सीबीआई, एसटीएफ और कौशांबी पुलिस को चकमा देकर फरार है. कौशांबी पुलिस को अब्दुल कवि के यमुना की तराई के जंगलों में छिपे होने की मुखबिर से सूचना मिली तो एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर सर्च ऑपरेशन का निर्देश दिया.
एएसपी ने तीनों सर्किल के सीओ, 10 थाने की फोर्स और पीएएसी के साथ छापेमारी की. छापेमारी के दौरान अब्दुल कवि तो नहीं मिला, लेकिन उसे शरण देने वाले पांच सगे संबंधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. तलाशी के दौरान 8 लाइसेंसी राइफल, बंदूक, एक अवैध तमंचा और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुई. यमुना की तराई के जंगलों में लगभग 3 से 4 घंटे तक सर्च ऑपरेशन चला. एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी.
क्या था पूरा मामला?
प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के नीवा गांव निवासी बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े शहर में गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी. हत्या के मामले में माफिया अतीक अहमद उसके भाई अशरफ सहित 18 से अधिक लोगों का नाम सामने आया था. सपा की चायल से मौजूदा विधायक पूजा पाल ने पति की हत्या के मामले में इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी थी.
विधायक पूजा पाल ने शासन से सीबीआई जांच की मांग उठाई. शासन के निर्देश पर सीबीआई ने हत्याकांड की दोबारा जांच शुरू की तो कौशांबी के सरायअकिल थाना क्षेत्र के भखन्दा निवासी अब्दुल कवि का भी नाम सामने आया. सीबीआई की विवेचना के बाद अब्दुल कवि के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया लेकिन 18 साल से अब्दुल कवि सीबीआई, एसटीएफ और पुलिस को चकमा देकर फरार है. हाल ही में अब्दुल कवि के भाई अब्दुल कादिर को भी पुलिस ने अवैध असलहों के जखीरा के साथ पकड़ा था. मुकदमा दर्ज करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया.
अब तक ये लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
पुलिस ने अब्दुल कवि के ऊपर 50 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया था. एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव को मुखबिर से सूचना मिली कि अब्दुल कवि यमुना की तराई में छुपा हुआ है.उन्होंने अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर सिंह के नेतृत्व में सर्च ऑपरेशन के लिए टीम गठित की. अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर सिंह चायल, सिराथू, मंझनपुर क्षेत्राधिकारी, पीएसी और 10 थाने की फोर्स के साथ भखन्दा सहित यमुना की तराई में पहुंचकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया.
पुलिस ने भखन्दा गांव के अब्दुल कवि के कई सगे संबंधियों के यहां छापेमारी की तो वहां से असलहों का जखीरा बरामद हुआ. पुलिस ने गांव के निजामुद्दीन, अजमल, शाहिद उर्फ राजू, बिलाल और मोहम्मद असलम को गिरफ्तार किया. पुलिस को उनके कब्जे से 12 बोर की तीन सिंगल बायरन बंदूक, तीन डबल बायरन बंदूक, दो राइफल, एक 315 बोर का तमंचा, 12 बोर के 69 जिंदा कारतूस, 315 बोर के 24 जिंदा कारतूस और खोखे बरामद हुए.
पुलिस अधीक्षक समर बहादुर बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि भगोड़ा अपराधी अब्दुल कवि है. विवेचना के दौरान हमें यह जानकारी मिली थी कि इनको संरक्षण देने या फिर इनको अपने यहां शरण देने का जिन पर संदेह था.उनके घरों की तलाशी ली गई.जिसमें पांच आरोपी गिरफ्तार हुए हैं. इनके पास से आठ लाइसेंसी शस्त्र और एक अवैध तमंचा बरामद हुआ है.
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