Raju Pal Murder Case: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 18 साल पहले हुए पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद कौशांबी निवासी एक और गवाह ने खुद की जान का खतरा बताया है. उसने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल कर सनसनी फैला दी है. वीडियो के माध्यम से उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सुरक्षा की गुहार लगाई है. उसने जान का खतरा किसी और से नहीं बल्कि 50 हजार के फरार इनामिया अब्दुल कवी  से जताया है. हत्याकांड के चश्मदीद ओम प्रकाश पाल ने साल 2020 में फरार अब्दुल कवी और एक अज्ञात के खिलाफ सरायअकिल थाना में हत्या का प्रयास समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है. जिसकी पुलिस विवेचना भी कर रही है.


प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के नीवा गांव निवासी बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 में दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद उसके भाई अशरफ और उनके शूटर शामिल थे. जिस गाड़ी में पूर्व विधायक राजू पाल बैठे हुए थे, उसमें उमेश पाल, ओम प्रकाश पाल, एक महिला, गनर सहित अन्य लोग भी बैठे थे. सभी लोग राजू पाल हत्याकांड के गवाह बने. इन लोगों ने बारी बारी से कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ गवाही देनी शुरू कर दी. लेकिन उमेश पाल की 24 फरवरी को माफिया अतीक अहमद के बेटे ने शूटरों के साथ मिलकर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी. जिसके बाद से दूसरे गवाह सरायअकिल थाना क्षेत्र के चक पिनहा निवासी ओम प्रकाश पाल सहमा हुआ है. ओम प्रकाश पाल के अनुसार राजू पाल की हत्या के दौरान वह भी गाड़ी में बैठे थे. हत्याकांड में 50 हजार का इनामिया अब्दुल कवि भी शामिल था.


अब्दुल कवी सरायअकिल थाना क्षेत्र के भखन्दा गांव का रहने वाला है. इसकी वजह से ओम प्रकाश पाल ने उसे पहचान लिया था. एक अक्टूबर 2020 को ओम प्रकाश पाल अपने खेतों की तरफ से होकर वापस घर आ रहा था. तभी नदी किनारे अब्दुल कवी अपने दो साथियों के साथ वहां पर आ गया. उन लोगों ने ओम प्रकाश का रास्ता रोक लिया और राजू पाल हत्याकांड में गवाही न देने के लिए धमकाने लगा. लेकिन ओम प्रकाश ने गवाही से पलटने की बात को मना कर दिया. ओम प्रकाश का आरोप है कि अब्दुल कवी ने उसे जान से मारने की नीयत से तमंचा निकाल कर दौड़ा लिया. किसी तरह से ओम प्रकाश जान बचाकर वहां से भाग निकला. ओम प्रकाश ने उसी दिन सरायअकिल थाना पहुंचकर आरोपी अब्दुल कवी और उसके साथियों के खिलाफ जान से मारने की कोशिश की तहरीर दी.


ओम प्रकाश पाल से गवाही देने को किया था मना


पुलिस ने अब्दुल कवी और एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी. गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद ओम प्रकाश पाल काफी सहमा हुआ है. उसने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल कर खुद की जान का खतरा बताकर बताया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सुरक्षा की गुहार लगाई है. अब सवाल यह है कि पुलिस रिकॉर्ड में अब्दुल कवी 18 सालों से फरार है तो फिर साल 2020 में कैसे पुलिस को चकमा देकर वह कौशांबी पहुंचता है और राजू पाल हत्याकांड के गवाह ओम प्रकाश पाल को गवाही देने से मना करता है. गवाही से न मुकरने पर ओम प्रकाश पाल को जान से मारने की कोशिश भी करता है. कहा जाए तो पुलिस का नेटवर्क बहुत ही कमजोर है. अन्यथा साल 2020 में ही अब्दुल कवी को गिरफ्तार कर लिया जाता. फिलहाल पुलिस का दावा है कि गवाह को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.


पुलिस ने सुरक्षा मुहैया कराने का दिया आश्वासन


अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर सिंह ने बताया कि एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें उनके द्वारा बताया जा रहा है कि मैं राजू पाल हत्याकांड का गवाह हूं. इसमें उनसे संपर्क किया जा रहा है. आवश्यकता अनुसार उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. इस मामले में एक मुकदमा भी पंजीकृत है. जिसकी विवेचना की जा रही है, जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी की जाएगी.


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