UP Politics: सपा के राज्यसभा उम्मीदवारों पर खड़े होने लगे सवाल, अखिलेश यादव के लिए बढ़ी चुनौती
Akhilesh Yadav News: लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. रालोद के बाद पल्लवी पटेल भी नाराज़ हैं.
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Rajya Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी पहले ही अलग हो चुके हैं और अब सपा ने जैसे ही राज्यसभा के प्रत्याशियों का एलान किया पार्टी के अंदर का झगड़ा खुलकर सामने आ गया है. पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने लंबी चिट्ठी लिखकर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया और अब अपना दल कमेरावादी वादी की पल्लवी पटेल भी खुलकर सामने आ गईं हैं.
समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा के लिए जया बच्चन, आलोक रंजन और रामजीलाल सुमन को प्रत्याशी बनाया है. अखिलेश यादव जिस पीडीए के नारे को काफी समय से बुलंद कर रहे हैं. इस फॉर्मूले में स्वामी प्रसाद मौर्य खुद को फिट मानते थे और काफी समय से राज्यसभा जाने के लिए लॉबिंग भी कर रहे थे लेकिन, अखिलेश ने उन्हें तवज्जो नहीं दी जिससे नाराज होकर मौर्य ने ये कदम उठाया.
अखिलेश यादव की मुसीबतें बढीं
दूसरी तरफ कमेरावादी की नेता और सिराथू से सपा के निशान पर चुनाव जीतने वाली पल्लवी पटेल को अखिलेश यादव का फैसला नहीं भाया, उन्होंने तो साफ कहा कि अखिलेश यादव पीडीए की लडाई को अगर बच्चन या रंजन बनाने की कोशिश करेंगे तो वो उनके साथ नहीं हैं. ये कोई फिल्मी लड़ाई नहीं है. ये लड़ाई गांव, गरीब, पिछडा और अल्पसंख्यक की हो रही है. अगर उनके साथ धोखा होगा तो वो इसमें शामिल नहीं होंगी.
चुनाव से पहले पार्टी में मचा घमासान
चुनाव से पहले पार्टी के अंदर ही मचा घमासान अखिलेश यादव के लिए किसी झटके से कम नहीं है. जिसके बाद ये भी कहा जा रहा कि अखिलेश अपने सहयोगियों को भी साथ नहीं रख पाते हैं. जिसकी वजह से एक के बाद एक सहयोगी उनसे अलग हो जाते हैं.
गठबंधन को जोडकर नहीं रख पाते अखिलेश
पिछले कुछ चुनावों की बात की जाए तो भी साल 2014 में समाजवादी पार्टी ने रालोद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन अब जयंत उनसे अलग हो चुके हैं. 2017 विधानसभा चुनाव में सपा ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लडा लेकिन बाद ये गठबंधन टूट गया. 2019 लोकसभा चुनाव में बीएसपी और आरएलडी के साथ सपा आई लेकिन बसपा भी ज्यादा दिन साथ नहीं रही और चुनाव के बाद गठबंधन तोड़ दिया.
अखिलेश यादव ने साल 2022 विधानसभा चुनाव प्रसपा, सुभासपा, आरएलडी, अपना दल कमेरावादी, महान दल जैसे छोटे-छोटे दलों के साथ लड़ा. चुनाव के बाद पहले सुभासपा से सपा का गठबंधन टूटा, आरएलडी भी छोड़कर गई और अब पल्लवी पटेल की अपना दल कमेरावादी उसी राह पर है. पल्लवी पटेल ने भी कह दिया है कि उन्हें अपनी सदस्यता जाने की परवाह नहीं है वो राज्यसभा में सपा के उम्मीदवार को वोट नहीं देंगी.
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