Rajya Sabha Election 2024: कौन हैं आरपीएन सिंह जिन्हें बीजेपी भेजेगी राज्यसभा, कभी राहुल गांधी ब्रिगेड का थे हिस्सा
Rajya Sabha Election News: आरपीएन सिंह ने साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी स्वामी प्रसाद मौर्य को हराया था.
RPN Singh News: बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. बीजेपी ने उत्तर प्रदेश से सात नामों पर मुहर लगाई है. इनमें सबसे पहला नाम आरपीएन सिंह का है, उनके राज्यसभा का टिकट फाइनल होने के बाद लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने के कयासों पर भी विराम लग गया है. आरपीएन सिंह पडरौना राजघराने के राजा हैं और कुर्मी-सैंथवार समाज लोगों के बीच उनकी अच्छी साख है. उनके राज्यसभा की उम्मीदवारी तय हो जाने के बाद लोकसभा सीट पर संशय गहरा गया है.
बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की तरफ से जारी की गई उम्मीदवारों की सूची में यूपी से आरपीएन सिंह, डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, चौधरी तेजवीर सिंह, श्रीवोटी साधना सिंह, अमरपाल मौर्य, डॉ. संगीता बलंवत और नवीन जैन का नाम शामिल है. आगामी राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने आरपीएन सिंह को राज्यसभा भेजने के फैसले पर मुहर लगाकर सभी कयासों पर विराम लगा दिया है. वह 25 जनवरी 2022 को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे और वह राहुल गांधी की ब्रिगेड का हिस्सा माने जाते थे. बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही उन्हें राज्यसभा में भेजने की सुगबुगाहट चल रही थी. हालांकि बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने इसमें जल्दी नहीं दिखाई. आरपीएन सिंह कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद जब बीजेपी में आए तो उनके कुशीनगर से बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने की भी खूब चर्चा हुई. हालांकि उनकी और बीजेपी की चुप्पी ने चर्चाओं पर विराम लगा दिया.
स्वामी प्रसाद मौर्य को लोकसभा चुनाव में हराया
साल 2009 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह (रतनजीत प्रताप नारायण सिंह) ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई थी. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के स्वामी प्रसाद मौर्य को इस चुनाव में 21 हजार 94 वोटों से हराया था. आरपीएन सिंह को 223954 वोट और स्वामी प्रसाद मौर्य को 202860 वोट मिले थे. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर उन्हें मैदान में उतारा है, लेकिन उन्हें बीजेपी के राजेश पांडेय के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. इस चुनाव में राजेश पांडेय ने उन्हें 370051 और आरपीएन सिंह को 284511 वोटों पर संतोष करना पड़ा. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस पार्टी ने आरपीएन सिंह को चुनाव लड़ने के लिए कुशीनगर से टिकट दिया लेकिन इस बार उन्हें तीसरे स्थान पर संतोष कर करारी हार का सामना करना पड़ा. इस चुनाव में बीजेपी के विजय कुमार दुबे को रिकार्ड वोटों के साथ जीत हासिल हुई. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले आरपीएन सिंह को 146151 वोट ही मिले.
कांग्रेस सरकार में रहे मंत्री
फिर साल 2014 और साल 2019 के चुनाव में मोदी लहर में किसी पार्टी के प्रत्याशी कुशीनगर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी के आगे नहीं टिक सके. इसके पहले ये सीट पडरौना लोकसभा सीट रही है और 2008 में इस निर्वाचन क्षेत्र को समाप्त कर दिया गया. इसके बाद कुशीनगर लोकसभा क्षेत्र के नाम नई लोकसभा अस्तित्व में आई. इसके पहले आरपीएन सिंह पडरौना सीट से दो बार विधायक रहे. साल 2009 के चुनाव में कुशीनगर लोकसभा सीट से चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस की सरकार में सड़क परिवहन और पट्रोलियम मंत्री रहे हैं. कांग्रेस का जनाधार खोने और उनके करीबियों के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा. वे कांग्रेस और गांधी परिवार के करीबी और सोनिया-राहुल के काफी करीबी माने जाते रहे हैं. पडरौना का राजा होने के नाते उनका वहां की जनता के बीच काफी सम्मान भी है. आज भी उनकी हवेली में राजा का दरबार कुशीनगर में उनके वंशजों की गाथा कहता है.
UP News: माता-पिता के झगड़ों से परेशान बच्चे का खौफनाक कदम, नींद की 120 गोलियां खाकर हुआ बेहोश