UP Politics: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों पर हो रही वोटिंग में मंगलवार को 8 सीटें बीजेपी के खाते में गई तो वहीं दो सीट पर ही समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी जीत पाए. बीजेपी ने अपने आठवें प्रत्याशी को जिताने के लिए सपा के सात विधायकों को तोड़ लिया. पीडीए को मजबूत करने का नारा देने वाले अखिलेश यादव की पार्टी से बागी हुई सात विधायकों में पांच विधायक अगड़ी जाति से आते हैं. 


समाजवादी पार्टी के जिन विधायकों ने मंगलवार को क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी के प्रत्याशी को वोट दिया है, उनमें मनोज पांडेय, राकेश पांडेय, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह ,विनोद चतुर्वेदी ,पूजा पाल और आशुतोष मौर्या हैं. इन सात विधायकों में मनोज पांडेय, राकेश पांडेय, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह और विनोद चतुर्वेदी अगड़ी जाति से आते हैं. पीडीए का नारा बुलंद करने वाली पार्टी के नेता अखिलेश यादव से उनकी पार्टी के पांच अगड़ी जाति के विधायकों ने रिश्ता तोड़ लिया है.


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क्या बोले वरिष्ठ पत्रकार
वरिष्ठ पत्रकार पंकज सिंह ने एबीपी लाइव से इन अगड़े विधायकों की टूट पर कहा कि पीडीए को आगे बढ़ाने में सपा ने एक लिमिट क्रॉस कर दी थी. उन्होंने कहा कि नेताजी के समय भी पीडीए था लेकिन अगड़ों का भी सम्मान होता था. आज की तारीख में अगड़ों का वहां सम्मान नहीं हो रहा था. उन्होंने कहा कि जब 2002 में भाजपा की सरकार गई तो बसपा को समर्थन किया भाजपा ने और तब राजपूतों, ब्राह्मणों , भूमिहारों ने समर्थन कर मुलायम सिंह की सरकार अगले चुनाव में बनवाई.


पंकज सिंह ने आगे कहा कि फिर 2012 में राजपूतों ने, ब्राह्मणों और वैश्य समाज समेत अगड़ों ने सपा को मजबूती से वोट किया, पर अखिलेश जी ये सब भूल कर एक तरफा महिमंडम शुरू कर चुके थे. इसके बाद जो लोग वहां थे वो घुटन जैसा महसूस कर रहे थे. हालांकि कई लोग आज भी हैं जिसमें अरविंद सिंह गोप और ओमप्रकाश सिंह सरीखे लोग हैं. लेकिन वो लोग आज वहां हाशिए पर हैं. उन्होंने कहा कि स्वामी के बयान पर अखिलेश यादव को सामने आने चाहिए था. किसी एक वर्ग को संतुष्ट करने में किसी एक वर्ग को नाराज करना ठीक नहीं है.