राज्यसभा सांसद और सपा नेता बेनी प्रसाद वर्मा का शुक्रवार देर शाम निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। लखनऊ के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। 79 साल के वर्मा सपा के संस्थापक सदस्य थे। वर्मा उत्तर प्रदेश में कुर्मी समाज के बड़े नेताओं में थे।


बेनी प्रसाद वर्मा के निधन की खबर से समाजवादी पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई। वह सपा के संस्थापक सदस्य रहे थे। बाराबंकी के रहने वाले बेनी प्रसाद वर्मा उत्तर प्रदेश के कुर्मी समाज के बड़े नेता माने जाते थे। कुछ समय वो कांग्रेस में भी रहे और इस दौरान यूपीए 2 की मनमोहन सिंह सरकार में बेनी प्रसाद वर्मा केन्द्रीय इस्पात मंत्री थे।


समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर बेनी प्रसाद वर्मा को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, 'समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा जी 'बेनी बाबू जी' का निधन अत्यंत दुःखद है। परिजनों के प्रति गहरी संवेदना। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।'उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी राज्यसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री बेनी प्रसाद वर्मा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। राज्यपाल ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने की कामना करते हुए दुखी परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की है।



5 बार के लोकसभा सांसद बेनी प्रसाद वर्मा उत्तर प्रदेश की राजनीति का एक बड़ा चेहरा थे। वह प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान कई वर्षों तक लोक निर्माण विभाग मंत्री रहे। 2009 में उन्होंने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थामा और 2009 के लोकसभा चुनाव में गोंडा से सांसद बनकर वह यूपीए-2 सरकार के दौरान इस्पात मंत्री भी रहे। 2016 में उन्होंने फिर से समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली।


बेनी प्रसाद वर्मा को मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता रहा है। राष्ट्रीय मोर्चा- वाम मोर्चा की एचडी देवगौड़ा सरकार में वो 1996 में संचार राज्‍यमंत्री बने थे। फिर उन्हें संसदीय कार्य राज्‍यमंत्री का भी जिम्मा सौंपा गया। 1998, 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में वो सपा के टिकट पर कैसरगंज से जीतकर संसद पहुंचे थे।


2009 के चुनाव में वो कांग्रेस के टिकट पर गोंडा सीट से जीते थे और केंद्र में मंत्री बने। बेनी प्रसाद वर्मा समाजवादी पार्टी के जनरल सेक्रेटरी थे। उत्‍तर प्रदेश सरकार में सपा सरकार में वो लंबे समय तक पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे।