Rakesh Tikait News: राकेश टिकैत का दावा- बौद्ध धर्म में जा रहे हैं सारे हिंदू, बताई ये चौंकाने वाली वजह
Budget Reaction: राकेश टिकैत की मानें तो इनकर टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाने से कुछ लोगों को फायदा तो हुआ है. मजदूरों और किसानों को कुछ नहीं दिया गया है. बजट में किसानों का कर्ज बढ़ाने की बात कही गई है.
Budget 2023 Reaction: किसानों की मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में चल रहे भारतीय किसान यूनियन के अनिश्चितकालीन धरने का गुरुवार को छठा दिन है. बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने संसद में बजट पेश किया, जिसे अमृतकाल का पहला बजट बताया जा रहा है. इस बजट पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने नाराजगी दिखाई है. उन्होंने कहा कि किसान, मजदूर और आदिवासियों के लिए इस बजट में कुछ नहीं है. बजट में किसानों का कर्ज बढ़ाने की बात कही गई है. राकेश टिकैत ने कहा कि इस बजट से कंपनियों को फायदा होगा और किसानों का कर्ज बढ़ेगा.
किसानों का कर्ज बढ़ाने की है साजिश
राकेश टिकैत की मानें तो इनकम टैक्स में छूट की सीमा सात लाख तक बढ़ाने से कुछ लोगों को फायदा तो हुआ है. लेकिन, गांवों में रहने वाले मजदूरों और किसानों को कुछ नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि बजट में किसानों का कर्ज बढ़ाने की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि जो कंपनियां होंगी, इस बजट में उनको फायदा होगा. एग्री बेस्ट बनी नयी कंपनियों को इस बजट से जरूर फायदा होगा. लेकिन किसानों पर कर्जा बढ़ाया गया है.
बौद्ध बनते जा रहे हैं हिंदू
राकेश टिकैत ने कहा कि बीजेपी वाले तो धर्म का झगड़ा करवाएंगे ही. इनका तो काम ही यही है. हां, सारे हिंदू उधर चले गए. उन्होंने सवाल उठाया कि हिंदू संगठन वाले क्या कर रहे हैं. सारे हिंदू बौद्ध धर्म में जा रहे हैं. मंदिरों के कपाट सबके लिए खुलने चाहिए. मंदिर पूजा स्थल है. पहले सबके मंदिर एक होते थे. आज मंदिर अलग-अलग हो रहे हैं. इस तरह से इनकी योजनाएं पूरी नहीं होने की आपस में झगड़े ही होंगे. हां, इन विवादों से हम तो दूरी बनाए हुए हैं. हमें तो अपनी जान बचानी ही भारी हो रही है.
कहां से कर्ज उतारेंगे किसान
राकेश टिकैत ने कहा कि इस बजट में किसानों को तो कर्ज देने की बात कही गयी है. अब वह कर्ज किसान कैसे उतारेंगे. धीरे-धीरे उनकी जमीन जाएगी. इस साजिश का मुझे पहले से ही पता था. कृषि उत्पादों का भाव बढ़ना चाहिए था, एमएसपी गारंटी कानून बनना चाहिए था. पानी के ऊपर चर्चा होनी चाहिए.लेकिन इन मुद्दों पर बजट नहीं है. पानी मोल मिलेगा. बिजली के रेट हाई होंगे और फसलों की कीमतें कम रहेंगी. उन्होंने कहा कि आने वाले पांच से सात साल में किसानों की जमीन नीलाम होगी. बैंकों के पास में बड़ा लैंड बैंक बनेगा. यही इस सरकार की साजिश है.
किसानों की जान ही बच जाए, यह बड़ी बात
राकेश टिकैत ने कहा कि आज तो किसान सरकार से अपनी जान बचाने की अपेक्षा कर रहा है. किसान की तो जान ही बच जाए, वही बहुत बड़ी बात है. क्या गांव में खेल के मैदान के लिए सरकार ने कुछ किया. आज पूरी दुनिया से बच्चे खेल में मेडल जीतकर आ रहे हैं. लेकिन, इनके लिए सरकार कुछ नहीं कर रही. बजट में भी कुछ नहीं है.
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