गाजीपुर बॉर्डर: केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान के विरोध प्रदर्शन में धार देने के लिए किसान संगठनों ने आज रेल रोको अभियान का ऐलान किया है. यह दोपहर 12 बजे से लेकर 4 बजे तक रहेगा. हालांकि गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान यहीं बैठे रहेंगे. रेल रोको अभियान के तहत पुलिस ने भी बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इस अभियान को लेकर कहा कि, "ट्रेन चल ही कहां रही है? एक दो ही ट्रेन चल रही है. हम सरकार से ये भी कहेंगे कि ट्रेन और भी चलवाओ. जनता दुखी हो रही है, सरकार ने इन ट्रेनों को रोका हुआ है बीते 8 महीनों से. जो ट्रेन आएगी उसको रोक कर हम यात्रियों को पानी पिलायेंगे, फूल चढ़ाएंगे और बताएंगे कि क्या क्या समस्याएं हो रही हैं."
जब ट्रेन रोकी जाएगी तो कहीं ऐसा तो नहीं कि यात्रियों से दुर्व्यवहार किया जाएगा? इस सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा, "कौन करेगा दुर्व्यवहार? जो भी करेगा उन पर कार्रवाई की जाएगी. ट्रेन रोको अभियान शांतिपूर्ण होगा. यात्रियों को चने बांटेंगे, दूध और पानी पिलाएंगे." हालांकि किसान संगठन इस अभियान को सांकेतिक बता रहें हैं लेकिन पुलिस-प्रशासन व रेलवे ने इससे निपटने के लिए तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं. वहीं सिंघु, टीकरी और अन्य उन जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जहां प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे हुए हैं.
दिल्ली की सीमाओं पर किसान धरना दे रहे हैं
जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक भी कह चुके हैं कि जिस समय ट्रैफिक सबसे कम होती है, उस समय हमने सड़क जाम किया और इसी प्रकार दिन में ट्रेन की ट्रैफिक कम होती है क्योंकि लंबी दूरी की ट्रेनें ज्यादातर रात में चलती हैं. रेल रोको अभियान से किसान संगठन का मकसद सरकार पर किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बनाना है.
बीते करीब तीन महीने से कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान धरना दे रहे हैं. वे केंद्र सरकार की पिछले साल लाए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं.
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