Rakesh Tikait On Kangana Ranaut: दिल्ली में चले किसान आंदोलन को लेकर मंडी से बीजेपी सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत के बयान पर विवाद बढ़ता चला जा रहा है. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इस बयान को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन इतना लंबा इसलिए चला क्योंकि देश में तानाशाही सरकार थी, अगर कोई सरकार होती तो बातचीत होती और इसका समाधान निकलता.
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन को शांति का प्रतीक बताया और कहा कि देश की राजधानी में 13 महीनों तक एक आंदोलन का चलना शांति का प्रतीक था. अगर सरकार के लोग प्रदर्शन करते हैं तो ये एक दिन नहीं कर पाते. उसमें भी आगजनी करने लगते हैं. हमारे किसान आंदोलन कही आगजनी नहीं हुई..कोई हिंसा नहीं हुई.
राकेश टिकैत ने साधा निशाना
टिकैत ने कहा कि ये कुछ इस तरह के लोग हैं जो भ्रम फैलाने का काम करते हैं. देश में क़ानून और संविधान हैं उसे हम मानने वाले लोग. इसलिए देश की राजधानी पर 13 महीने तक आंदोलन के लिए बैठे है, आंदोलन क्यों करना पड़ा क्योंकि देश की सरकार तानाशाही थी. इसलिए ये आंदोलन चला.. अगर सरकारें होती तो बातचीत होती से उसका समाधान निकालती. इसके बाद जब हुकूमत ने समाधान निकाला तो आंदोलन खत्म हुआ.
इससे पहले उन्होंने एक पोस्ट के जरिए कंगना के बयान को शहीद किसानों का अपमान बताया था. उन्होंने कहा कि 13 माह चले किसान आंदोलन में 400 किसान संगठन, लाखों किसानों की मौजूदगी के बावजूद हिंसा नहीं हुई. 700 से अधिक किसान शहीद हुए. लेकिन, किसानों ने संयम नहीं खोया. बिल वापस हुए. उसके बारे में बीजेपी सांसद कंगना रनौत का बयान शहीद किसानों और देश के करोड़ों किसानों का अपमान है.
कंगना के इस बयान पर विवाद
बता दें कि कंगना ने एक इंटरव्यू में किसान आंदोलन को विदेशी साज़िश बताया था. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर बांग्लादेश जैसी अराजकता भारत में भी हो सकती थी. बाहरी ताकतें अंदरूनी लोगों की मदद से हमें बर्बाद करने की योजना बना रही थी. किसान आंदोलन के नाम पर वहाँ उपद्रव कर रहे थे वहां रेप और हत्याएं हो रही थी.
कंगना के इस बयान पर तमाम दलों द्वारा तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कांग्रेस, सपा समेत विपक्षी दलों ने इस पर हमला किया है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कंगना के बयान से किनारा कर लिया है. बीजेपी ने लिखित बयान जारी कर कहा कि कंगना का बयान पार्टी का मत नहीं है और न ही कंगना को पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए अधिकृत किया गया है.