हाथरस: भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन को हिंदुस्तान की वैचारिक क्रांति बताया है. उन्होंने एक बार फिर सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी के गारंटी कानून बनाने की मांगों को दुहराया है.
दरअसल किसान नेता राकेश टिकैत हाथरस में एक किसान की शोक सभा में शामिल होने आए थे.यहां कस्बा सादाबाद में चौधरी चरणसिंह चौराहे पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद उन्होंने कहा कि एमएसपी का गारंटी कानून बन जायेगा तो दूध,आलू, सब्जी पर एमएसपी तय हो जाएगा. ऐसा हो जाने से कुछ फसलों की जान बच जाएगी. यह मांगें पूरी हो जाएंगी तो हम भी घर चले जाएंगे. वरना यह किसान वापस जाने वाला नहीं है.


आलू किसानों को लेकर जताई चिंता


आलू उत्पादक बैल्ट में खड़े होकर किसान नेता टिकैत ने आलू किसानों की हिमायत ली। कहा कि आलू किसान की हालत खराब है.किसान का आलू दो रुपये किलो है.शहर में जब यह आता है तो बीस रुपये किलो है.इसके अंतर की ही तो लड़ाई है, उनकी मानें तो प्राइवेटाइजेशन से मंहगाई तथा बेरोजगारी बढ़ेगी.


किसानों से 22 तारीख को होने वाली किसान पंचायत में शामिल होने की अपील की


खाद की किल्लत के खात्मे के लिए उन्होंने सब्सिडी डायरेक्ट किसान के खाते में देने का सुझाव दिया.उन्होंने इस मौके पर मौजूद किसानों को 22 तारीख को लखनऊ में होने जा रही किसान पंचायत में शामिल होने का न्यौता दिया और अपील की कि वे आंदोलन से जुड़ें और सरकार का मुकाबला करें. वहीं राजनीतिक और चुनाव को लेकर किये सवालों का टिकैत ने सधे लहजे में जबाब दिया कि इस सरकार की तो खिलाफत होगी आने वाले के बारे में जनता खुद देख लेगी जनता बहुत होशियार है.


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