Rakesh Tikait in Lucknow: किसान आंदोलन को दिल्ली के बाद अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में धार देने की तैयारी है. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले राकेश टिकैत ने कहा कि, लखनऊ को अब दिल्ली बनाएंगे. जिस तरह दिल्ली के चारों तरफ सील है, सब वैसे ही लखनऊ के चारों तरफ होगा. प्रदेश में किसान आंदोलन का आगाज़ 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में महापंचायत से होगा. जल्द ही उत्तराखंड को लेकर भी आंदोलन की तारीखों का ऐलान होगा.
गन्ना किसानों का 12 हजार करोड़ रुपये बकाया
लखनऊ पहुंचे राकेश टिकैत और किसान मोर्चे के अन्य पदाधिकारियों ने मीडिया से बात की. राकेश टिकैत ने कहा कि, उत्तर प्रदेश में किसान कम दाम में फसल बेच रहा. आलू किसान बर्बाद हो रहा है. गन्ना किसानों का 12 हज़ार करोड़ अब भी बकाया. इस सरकार में 4 साल से भुगतान लेट चल रहा है. कीमत भी नहीं बढ़ी. उन्होंने कहा कि, बसपा, सपा में आंदोलन हुआ तो कुछ दाम बढ़ा, लेकिन योगी सरकार में एक रुपया नहीं बढ़ा.
कैमरा, कलम, किसान से हटे पहरा
पंजाब में किसानों को फ्री बिजली, हरियाणा में 35 रुपये हॉर्सपावर जबकि यूपी में 175 रुपये हॉर्स पावर बिजली है. 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में बड़ी पंचायत से आंदोलन की शुरुआत होगी. सरकार को कैमरा, कलम, किसान से बंदूक का पहरा हटाना होगा. कृषि बिल के साथ ही यहां के किसानों से जुड़ 3 स्थानीय मुद्दे भी उठाएंगे. बिजली अमेंडमेंट बिल, पेस्टीसाइड बिल, लेबर के मामले उठाएंगे.
हम नहीं लड़ेंगे चुनाव
राकेश टिकैत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि, हम कहीं कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे. हां, जिससे उनकी लड़ाई उसको वोट देने के लिए नहीं कहेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि, जो अन्य लोग यहां वोट काटने आ रहे हैं, वो भाजपा की ही बी टीम है. दिल्ली के आंदोलन पर कहा कि, 14 अगस्त को अगला जत्था गाजियाबाद जाएगा, 15 अगस्त को झंडा फहराएंगे. 2 जिले के ट्रेक्टर वहां जाएंगे.
26 जनवरी की हिंसा पर दी सफाई
26 जनवरी की हिंसा पर एक बार फिर राकेश टिकैत ने सफाई दी और कहा कि हमने राष्ट्रीय ध्वज को नहीं हटाया था, कोई अपमान नहीं किया. ये हमारा ट्रेक्टर नही टैंक है. बंजर जमीन को फाड़ता है. राहुल गांधी के ट्रैक्टर पर बैठने को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि आने वाले समय में बाकी सांसद भी ट्रेक्टर पर दिखेंगे. किसान मोर्चा ने उत्तर प्रदेश में हुई फसलों की सरकारी खरीद के आंकड़े रख सरकार पर निशाना साधा. कहा कि, यूपी में 2020-21 में गेहूं का 307.8 लाख टन उत्पादन हुआ, जबकि सरकार ने सिर्फ 18 फीसदी यानी 56.4 लाख टन खरीदा. इसमे भी MSP 1975 रुपये क्विंटल थी, जबकि यूपी में औसत रेट 1884 रहा. किसान को प्रति क्विंटल 91 रुपये घाटे का आरोप लगाया. इसी तरह अन्य फसलों के आंकड़े सामने रखे.
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