Rakesh Tikait: भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा है कि वायु प्रदूषण के लिए किसानों या पराली जलाने को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए.
सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शनों के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने प्रदूषण संकट के लिए किसान समुदाय को जिम्मेदार ठहराने वालों से माफीनामे की भी मांग की है. टिकैत ने ट्वीट कर लिखा कि पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के लिए किसानों को खलनायक बताने वालों को किसानों से माफी मांगनी चाहिए.


सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि किसानों को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है, क्योंकि केवल 10 फीसदी प्रदूषण ही पराली से होता है और वह भी डेढ़ से दो महीने है.

आपको बताते चलें कि राकेश टिकैत का बीकेयू , संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का हिस्सा है, जो नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है. SKM कृषि कानूनों की वापसी और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहा है.


ज्ञात हो कि उत्तर भारत के कुछ हिस्सों, विशेष रूप से दिल्ली एनसीआर में वायु की गुणवत्ता काफी गिर जाती है, जो सर्दी के मौसम में मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करती है. वायु प्रदूषण के लिए पराली जलाए जाने, औद्योगिक और वाहनों से होने वाले प्रदूषण और पटाखे जैसे अन्य कारकों को जिम्मेदार माना जाता है.


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