Lakhimpur Kheri Case: राकेश टिकैत ने दी सरकार को चेतावनी, कहा- मंत्री की गिरफ्तारी नहीं हुई तो होगा बड़ा आंदोलन
Rakesh Tikait: राकेश टिकैत ने लखीमपुर मामले में एक बार कड़े तेवर दिखाये हैं. उन्होंने कहा कि, हिस्ट्रीशीटर देश का गृह राज्य मंत्री नहीं हो सकता.
Rakesh Tikait on Lakhimpur Kheri Case: लखीमपुर घटना को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कड़े तेवर दिखाते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि, 12 तारीख तक अगर गिरफ्तारी नहीं होती है और गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा नहीं होता है तो, 12 तारीख के बाद देशभर में किसान आंदोलन करेंगे. इसी के साथ राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि, हिस्ट्रीशीटर देश का गृह राज्य मंत्री नहीं हो सकता उनका इस्तीफा होना चाहिए और गिरफ्तारी होनी चाहिए.
अजय मिश्र का इस्तीफा हो
लखीमपुर घटना पर राकेश टिकैत ने कहा कि, वहां पांच लोगों की मृत्यु हुई है. सरकार ने उन्हें मुआवजा दे दिया है, मरने वालो में किसान और पत्रकार हैं. उनको इंसाफ तब मिलेगा जब उनकी गिरफ्तारी होगी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय टेनी का इस्तीफा होगा. राकेश टिकैत ने कहा कि, सभी पार्टी के लोगों को वहां जाना चाहिए और परिवारों की मदद करनी चाहिए. हम आंदोलन को संघर्ष से समाधान की ओर लेकर जाते हैं और सरकार आंदोलन को समाधान से संघर्ष की ओर लेकर जाती है. हममें और पॉलिटिकल पार्टियों में यही अंतर है, बातचीत से ही समाधान होगा. दिल्ली में भी बातचीत हुई है हमने सरकार को बार बार कहा, फिर बातचीत करो सरकार से बातचीत होगी, जिनकी सरकार है, उनसे से ही बातचीत होगी. उन्हीं अधिकारियों से बातचीत होगी, वहां तीन कमेटियां थी परिवार, रिश्तेदार और किसान संगठन उधर अधिकारियों की तीन कमेटियां थीं. प्रमुख सचिव एडीजी, डीएम और एसएसपी छ: कमेटियों में समझौता हुआ लगातार वार्ता चली, करीब दस हजार लोग इस वार्ता में शामिल थे, इस समझौते में जो लोग वार्ता में मौजूद थे वह संतुष्ट है और हम उन्हीं के साथ है.
जानबूझकर चढ़ाई गई पब्लिक के ऊपर गाड़ियां
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, करीब 6 घंटे में यह समझौता हो पाया है. लगातार वार्ता चली करीब 10 हजार लोग इस वार्ता में शामिल हुए. इस समझौते से वहां पर जो लोग मौजूद थे वह संतुष्ट हैं, हम तो उन्हीं के साथ में हैं. किसान आंदोलन दिल्ली में चल रहा है जो भी इस तरह की घटना करेगा कानून को अपना काम करना चाहिए. कानून को निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए. गाड़ियां जानबूझ के पब्लिक के ऊपर चढ़ाई गई एक चढ़ सकती थी, दूसरी चढ़ सकती थी, तीसरी नहीं चढ़ नहीं सकती थी. तीनों गाड़ी उसी डायरेक्शन में पब्लिक को रौंदती हुई हुए गईं. अगर वह गाड़ी सही सलामत आगे तक जाती उनसे पुलिस के लोग बचे पुलिस ने उस गाड़ी को रोका, उनके वीडियोज हैं. पुलिस को उन्होंने कहा, पहला अटैक उनके ऊपर था वह तो हम लोग बच गए, उन्हें रोकने की कोशिश की वह पीछे हट गए, क्योंकि वो ट्रेनिंग शुदा लोग होते हैं, उनका चेहरा पुलिस की गाड़ियों की तरफ था और जो हमारे लोग थे किसान थे वह विपरीत दिशा से आ रहे थे, उनको पीछे से आने से हिट करी गई.
सरकार पर निशाना
संदेश यह है शांतिपूर्ण रखो हमारा आंदोलन. संघर्ष से समाधान की तरफ जाएगा. सरकारें यह चाहती हैं कि यह आंदोलन समाधान से संघर्ष की तरफ इसका मुंह हो, इनसे बचना है. 45 लाख रुपए मुआवजा अभी तक दिया और वह अलग अलग जब देश से अभी तक उनको घोषणाएं और होंगी डेढ़ करोड रुपए की घोषणाएं उनकी और हुई हैं और जगह से भी उम्मीद है. जो भी पॉलीटिकल पार्टी जाएं वह कुछ ना कुछ और परिवार वालों के लिए लेकर जाएं वह परिवार निहायत गरीब उनके पास में कुछ नहीं है.
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