Kanwar Yatra Nameplate Controversy: कांवड़ यात्रा मार्ग पर नेमप्लेट को लेकर चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार (22 जुलाई) को अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट के फैसले से योगी सरकार और उत्तराखंड में धामी सरकार को बड़ा झटका लगा है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने नेमप्लेट पर रोक लगा दी है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. 


सुप्रीम कोर्ट के कांवड़ मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिक का नाम प्रदर्शित करने के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर रोक लगाने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर कोर्ट ऐसे निर्णय देता रहेगा तो देश की जनता का अदालतों पर विश्वास बना रहेगा. सुप्रीम के फैसले का हम सम्मान करते हैं. 


सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत 


किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने जो निर्णय लिया था, उससे जातियों में जहर घोलने का काम किया जा रहा था. ऐसे फैसले सरकार अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए लेती है. राकेश टिकैत ने इस बयान से साथ ही योगी सरकार पर निशाना साधा और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. 


यूपी और उत्तराखंड में लगाए गए थे नए नियम 


दरअसल, यूपी सरकार की तरफ से कांवड़ यात्रा को एक नया नियम बनाया गया था. सबसे पहले यूपी के मुजफ्फरनगर में इस नियम का इस्तेमाल किया गया. आदेश के अनुसार, कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले होटलों, ढाबों, दुकानों और ठेलों पर दुकानदारों को अपनी नेम प्लेट लगानी होगी ताकि कांवड़ियों को पता चल सके कि वो किससे सामान खरीद रहे हैं. यूपी की तर्ज पर ही उत्तराखंड सरकार की तरफ से इसी तरह का आदेश जारी किया गया था.


बीजेपी के सहयोगी दल ने भी किया था विरोध


यूपी और उत्तराखंड में ऐसे आदेश जारी करने के बाद विपक्ष हमलावर हो गया था. विपक्ष के साथ ही बीजेपी के सहयोगी दल भी नेमप्लेट के खिलाफ आवाज उठाने लगे थे. रालोद चीफ जयंत चौधरी ने भी योगी सरकार के इस फैसले का विरोध किया था. तो वहीं एनडीए में शामिल चिराग पासवान ने भी इस फैसले का विरोध किया था.


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