रक्षाबंधन यानी कि वो पर्व जिस पर बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर अपनी सुरक्षा का वादा उनसे लेती हैं और वही भाई अपनी बहन को हर खतरे से महफूज़ रखने की कसम भी खाता है. एक तरफ जहां आज देश भर में रक्षाबंधन का त्यौहार हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है तो वहीं मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार पर भी बहने अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए जेल पर पहुंचीं. इस दौरान जेल प्रशासन की तरफ से कोरोना गाइडलाइन का पालन कराते हुए जेल में बंद भाइयों की मुलाकात उनकी बहनों से कराने का इंतजाम किया गया.
दरअसल, कोरोना काल में सरकार ने जेल में बंद बंदियों को कोरोना वायरस से महफूज़ रखने के लिए मिलाई पर रोक लगा दी थी, जिसे सरकार के आदेशों के बाद अब खोल दिया गया है. इसके बाद आज रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने के लिए बहने जेल में बंद भाइयों से मिलने के लिए पहुंचीं. इस दौरान जेल प्रशासन ने जेल में बंद बंदियों को कोरोना से महफूज रखने के लिए बाकायदा परिजनों से 72 घंटे पहले की आरटी पीसीआर की रिपोर्ट लाने को कहा है और उस रिपोर्ट के बाद ही परिजनों की जेल में बंद बंदियों से मिलाई सुनिश्चित हो पाएगी.
साथ ही साथ जेल प्रशासन ने बंदियों से मुलाकात के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करने की हिदायत दी है, जिसका नजारा जेल के अंदर दिखाई दे रहा है. इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि किस तरह रक्षाबंधन पर जेल में बंद अपने भाइयों से मिलने पहुंचीं ये बहने 2 गज की दूरी से मुलाकात कर रही हैं. साथ ही साथ जेल प्रशासन के द्वारा भाइयों के लिए लाई गई राखी को काउंटर पर जमा किया जा रहा है और उन राखियों को सैनिटाइज करने के बाद बंदियों को सौंप दिया जाएगा और बंदी अपनी कलाई पर अपनी बहन के द्वारा लाई गई राखी को बांध सकेंगे.
इस दौरान जेल में बंद भाइयों से मिलने पहुंचीं बहनों ने जेल प्रशासन के द्वारा किए गए इंतजामों की सराहना की. साथ ही साथ इस दौरान कुछ बहने ऐसी भी दिखाई दीं, जिन्होंने इस त्योहार पर अपने भाई से बुरे काम छोड़ने का वादा लेने की बात कही.
मेरठ की चौधरी चरण सिंह जिला कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि सरकार के आदेश पर जेलों में बंद बंदियों से मिलाई के लिए आरटीपीसीआर की रिपोर्ट अनिवार्य है. साथ ही उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन पर बहनें जेल के अंदर जाकर भाइयों को राखी नहीं बांध पाएंगीं बल्कि इस बार जेल प्रशासन के द्वारा जेल के बाहर काउंटर बना दिया गया है, जिस पर बहनें पहुंचकर अपनी राखियां जमा करा रही हैं और वहां से राखियों के पैकेट को सैनेटाइज़ कर जेल में बंद बंदियों को पहुंचाया जाएगा और वो खुद इन राखियों को अपनी कलाइयों पर बांधेंगे.